बाज़ार के पूर्वानुमान के ज़रिये के तौर पर ट्विटर
आज के डिजिटल दौर में हममें से ज़्यादातर लोग एक या एक से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। वे दिन याद हैं जब फेसबुक आया ही था और कैसे सभी फेसबुक से…
30 जुलाई,2022
5
654
अगर आपका ज्ञान अच्छा है, तो शायद आपने "कम पर खरीदें, ज़्यादा पर बेचें" कहावत के बारे में काफी बार सुना होगा| दरअसल, यह कहावत शेयर बाज़ार से जुड़ी हुई है और क्यूंकि ये अक्सर बोली जाती है, इसलिए आपको ऐसा लग सकता है कि यह वास्तव में सही है| जबकि सच ये है कि इसे लागू करने की तुलना में इस पर चर्चा करना कहीं अधिक आसान है।
इस कहावत के पीछे छिपी सच्चाई बाज़ारों के ट्रेंड से संबंधित है, जिसमें वह उतार और चढ़ाव दोनों समय एक हद से ज़्यादा जा सकता है| यह आंशिक रूप से इसलिए होता है क्योंकि जैसा एक व्यक्ति करता है बाकी सब भी वैसा ही करते हैं जिससे स्टॉक की कीमतें बढ़ जाती हैं| अगर कोई निवेशक बाज़ार पर एक निष्पक्ष नज़र रखता है, तो वह आसानी से इस ट्रेंड को समझ सकता है। ऐसा होने पर वह अत्यधिक उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकता है जो कि ऐसे समय में उत्पन्न होते हैं। इसलिए यह निवेशक कम पर खरीद सकता है और ज़्यादा पर बेच सकता है।
जबकि सच तो ये है कि कीमत के बहुत कम या बहुत ज़्यादा होने का पता और इसके पीछे का कारण कीमत में बदलाव आने के बाद ही आसानी से पता चलता है। हालांकि, जल्दबाज़ी में यह बात तय करना बहुत मुश्किल है। बाज़ार से जुड़े सभी लोगों की भावनाओं और मनोविज्ञान का प्रभाव कीमतों पर पड़ता है।
इस वजह से "कम पर खरीदें, ज़्यादा पर बेचें" की रणनीति को हमेशा लागू करना कठिन हो सकता है। सही निर्णय लेने के लिए, व्यापारी अक्सर कई अतिरिक्त बातों को ध्यान में रखते हैं। इनमें बिज़नेस साइकिल, उपभोक्ताओं की भावना और मूविंग एवरेज शामिल हैं।
लंबे समय में देखें तो बाज़ार के ड्राइवर यानी बाज़ार पर असर डालने वाले कारण पूरी तरह से एक समान पैटर्न से चलते हैं, जिसमें बाज़ार भय और लालच के बीच झूलता है। जिस समय डर अपने उच्चतम स्तर पर होता है, ऐसे समय में स्टॉक खरीदना सबसे सही माना जाता है। दूसरी ओर, जब लालच अपने चरम पर होता है, तो यह बेचने का सबसे अच्छा समय होता है।
ऐसे चरम हालात हर दस साल में लगभग दो बार होते हैं और उनमें कई समानताएं होती हैं। एक भावनात्मक साइकिल के बाद एक बिज़नेस साइकिल आती है। जब कोई अर्थव्यवस्था मंदी का अनुभव करती है, तो बहुत डर का माहौल होता है। यह समय कम पर खरीदने के लिए सबसे अच्छा होता है। इसके विपरीत, जब अर्थव्यवस्था अच्छी चल रही होती है, तो कीमतें बहुत ज़्यादा बढ़ जाती हैं। इसलिए यह समय बेचने के लिए आदर्श होता है।
अनुभवी निवेशक बिज़नेस साइकिल और कंस्यूमर सेंटीमेंट सर्वे दोनों पर नज़र रखते हैं क्योंकि इनके माध्यम से बाज़ार को समझना आसान हो जाता है। इसके अलावा, नियमित रूप से छपने वाली रिपोर्ट्स भी बिज़नेस साइकिल समझने में मदद कर सकती हैं।
ये औसत केवल प्राइस के इतिहास से निर्धारित होती हैं। इनके ज़रिये, समय के साथ कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जा सकता है। ये औसत प्राइस में किसी भी तरह के अल्पकालिक बदलाव को दूर कर स्टॉक की व्यापक दिशा दिखा सकती है|
व्यापारियों के लिए दो मूविंग एवरेज को ट्रैक करना असामान्य बात नहीं है, जिनमें एक छोटी अवधि के लिए जबकि दूसरी एक लंबी समय सीमा के लिए होती है| ये दोनों एवरेज जोखिम से बचने में मदद कर सकती हैं। इसके लिए अक्सर 50-दिन और 200-दिन की मूविंग एवरेज को देखा जाता है। एक बार जब 50-दिन की मूविंग एवरेज 200-दिन की मूविंग एवरेज से अधिक हो जाती है, तो एक खरीद का संकेत एक्टिव हो जाता है। और यदि 200-दिन की मूविंग एवरेज 50-दिन की मूविंग एवरेज को पार कर जाती है, तो एक बिक्री का संकेत एक्टिव हो जाता है।
मूविंग एवरेज का महत्व ये है कि यह व्यापारियों को उनके ट्रेड में मदद करता है और एक उचित समय पर खरीदने या बेचने में मदद करता है।
मार्केट एक्सट्रीम उन लोगों के लिए प्रमुख अवसर होते हैं जो कम पर खरीदना और ज़्यादा पर बेचना चाहते हैं। इन चरम हालातों के उदाहरणों में 2008 में बाज़ार में आई गिरावट और 1990 के दशक के अंतिम वर्षों के दौरान आये इंटरनेट बबल शामिल हैं। इन दोनों स्थितियों में, ऐसे कई उदाहरण हैं जिनको देखकर लगा कि ऐसा ट्रेंड कभी कम नहीं होगा। लेकिन, दोनों स्थितियों में, ट्रेंड की अंततः दिशा बदल गई।
एक प्रसिद्ध निवेशक ने कहा है, "यह कहना एक बहुत बड़ी गलती होगी कि कम पर खरीदना और ज़्यादा पर बेचना निवेश का सही तरीका है।" हालांकि यह कहावत उन लोगों के लिए विशेष रूप से सही है जो सफल निवेशक बनना चाहते हैं। आपको रुझानों को नज़रअंदाज़ करना सीखना चाहिए और इसके बजाय समझदारी से एक सही तरीके पर ध्यान देना चाहिए कि क्या यह समय खरीदने या बेचने के लिए सही है। ट्रेडिंग, निवेश और बाज़ारों के बारे में अधिक जानकारी के लिए एंजेल वन की वेबसाइट पर जाएं ताकि आप कभी भी अनजान न रहें।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है, महज़ जानकारी प्रदान करना न कि इन्वेस्टमेंट के बारे में कोई सलाह/सुझाव प्रदान करना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने -बेचने की सिफारिश करना।
आप इस अध्याय का मूल्यांकन कैसे करेंगे?
संबंधित ब्लॉग
ज्ञान की शक्ति का क्रिया में अनुवाद करो। मुफ़्त खोलें* डीमैट खाता
#स्मार्टसौदा न्यूज़लेटर की सदस्यता लें