गो एयर आईपीओ: गो एयर आईपीओ की बाजार में उतरने की तैयारी

18 जुलाई,2021

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भारत की सबसे लोकप्रिय एयरलाइनों में से एक गोएयर इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) लाने की तैयारी में है।

गोएयर के आईपीओ प्लान का सारांश:

खुद को "गो फर्स्ट" के रूप में रीब्रांड करते हुए, एयरलाइन ने मई में सेबी में ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है और हाल की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि यदि गोएयर के आईपीओ को जुलाई तक मंजूरी मिल जाती है तो यह अगस्त तक बाजार में आ सकता है। और जानने के लिए पढ़ें।

गोएयर के बारे में : इन्वेस्टर गोएयर के आईपीओ को लेकर क्यों उत्साहित हैं?

गोएयर की आईपीओ की घोषणा को ऐसे समय में धन जुटाने की पहल के रूप में देखा जा सकता है, जबकि एयरलाइन और पूरी इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है। जबकि ट्रेवल और टूरिज्म इंडस्ट्री को पिछले एक साल में महामारी के कारण बहुत नुकसान हुआ है, उम्मीद है कि जब हालात सामान्य होंगे और लोग फिर से ट्रेवल करना शुरू करेंगे तो कारोबार में तेजी आएगी। कई लोगों को इंडस्ट्री में उछाल की उम्मीद हैं क्योंकि लोग पिछले साल भर में खोए समय की भरपाई करना चाहते हैं, और अपने प्रियजनों से मिलने के लिए ट्रेवल करना चाहते हैं।

वाडिया समूह के स्वामित्व वाली गोएयर को लो-कॉस्ट कैरियर (एलसीसी) के रूप में पेश किया गया था और हाल ही में यह भारत का पहला अल्ट्रा-लो-कॉस्ट कैरियर (यूएलसीसी) बन गया है। एयरलाइन का मुख्य उद्देश्य है सभी के लिए एयर ट्रेवल सुलभ बनाना और आम जनता के लिए अफोर्डेबल बनाना। कंपनी ने 2005 से सेवा शुरू की और 2010 से दिसम्बर 2020 के तक 83.8 करोड़ पैसेंजर ने उड़ान भरी। 'फ्लाई स्मार्ट' का ब्रांड मेसेज इसके पैसेंजर के साथ रेज़ोनेट करता है, और एयरलाइन की उनकी सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता उसके कर्मचारियों और पायलट के प्रशिक्षण, एयरक्राफ्ट के रखरखाव और सख्त पॉलिसी से दिखती है। एयरलाइन रोज़ाना लगभग 300 फ्लाइट ऑपरेट करती है, और जनवरी 2020 तक यह 37 डेस्टिनेशन के लिए उड़ान भर रही थीं- उनमें से 9 इंटरनेशनल और 28 डोमेस्टिक हैं।

गोएयर आईपीओ का विवरण: कितना ऑफर किया जा रहा है?

मई 2021 में, गो एयरलाइंस लिमिटेड ने 3,600 करोड़ रुपये का आईपीओ लॉन्च करने के लिए सेबी में अपना डीआरएचपी दाखिल किया है। बाजार अभी भी लॉकडाउन के कारण अस्थिर है, ट्रेवल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि प्रतिबंध में ढील के बाद सुधार होगा। एयरलाइन प्रेफरेंशियल इश्यू या दूसरे तरीके से शेयर जारी करेगी ताकि 1,500 करोड़ रुपये जुटाए जा सकें। 

पेश है गोएयर आईपीओ के लिए तैयारी और मौजूदा कार्य योजना

  • एयरलाइन ने आईपीओ लाने से पहले 'गो फर्स्ट' के रूप में खुद को रीब्रांड किया है। 
  • गोएयर अल्ट्रा-लो-कॉस्ट एयरलाइन भी बन गई है, जिसके कारण एंसीलरी रेवेन्यू बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 
  • मौजूदा योजना है 10 अतिरिक्त एयरबस नियो विमानों में निवेश करने और 2024 तक उसी विमान के पूरे बेड़े को चलाने के साथ-साथ एंसीलरी रेवेन्यू को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की है। 
  • सेबी से जुलाई तक प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद के बीच, गोएयर को उम्मीद है किआईपीओ अगस्त में लॉन्च हो जायेगा, हालांकि, अभी तक इसकी तारीख की घोषणा नहीं की गई है। 
  • गो एयरलाइंस के आईपीओ से बाज़ार से 3,600 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है जिसके आधे हिस्से का उपयोग कर्ज चुकाने और फ्यूल प्रोवाइडर कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का बकाया क्रेडिट चुकाने के लिए किया जाएगा। 

इस आईपीओ ने बहुत से लोगों का ध्यान खींचा है लेकिन हमेशा की तरह कंपनी का परफॉर्मेंस का आकलन करना महत्वपूर्ण है। यहां कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं जो आपको एयरलाइन की अब तक की परफॉर्मेंस की झलक दे सकते हैं। हालाँकि, हमारा सुझाव होगा कि आप अपना होमवर्क खुद भी करें ताकि इसकी विस्तृत तस्वीर मिल सके। 

गो एयरलाइन की परफॉर्मेंस

  • एयरलाइन के इश्यू के लिए इंटरनेशनल कोऑर्डिनेटर और बुक-रनिंग मैनेजर में मॉर्गन स्टेनली इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इश्यू की रजिस्ट्रार है। 
  • सीएपीए की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गोएयर की तेज़ ग्रोथ इस बात से ज़ाहिर हो होती है कि इसकी डोमेस्टिक बाज़ार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2020 में बढ़कर 10.8 प्रतिशत हो गई जो वित्त वर्ष 2018 में 8.8 प्रतिशत थी। 
  • गोएयर ने वित्त वर्ष 2020 के दौरान औसतन 12.9 घंटे प्रति दिन का उल्लेखनीय एयरक्राफ्ट युटीलाइज़ेशन और 88.9 प्रतिशत लोड फैक्टर दर्ज किया। 
  • कंपनी ने कहा है कि डीआरएचपी दाखिल करने की तारीख के कोई ब्रिज लोन नहीं लिया है। 
  •  गोएयर के इंटरनेशनल और डोमेस्टिक नेटवर्क में पुणे, मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, गोवा, हैदराबाद, नागपुर, अबू धाबी, कुवैत, कोलंबो, बैंकॉक और कई अन्य डेस्टिनेशन शामिल हैं। 
  • एयरलाइन ने वित्त वर्ष 2019-20 में 1,270.7 करोड़ रुपये और दिसंबर 2020 तक के महीनों में 470.6 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा दर्ज़ किया। 
  •  गोएयर ने अपने एक बयान में पुष्टि की है कि कंपनी के क़र्ज़ को कम करने से ब्याज लागत में भी कमी आएगी, जिससे उनके लीज रेट फैक्टर में सुधार होगा। उन्हें उम्मीद है कि आईपीओ पेश होने के साथ उनकी फिनांशियल स्थिति में सुधार आएगा, खासकर एयर ट्रेवल इंडस्ट्री के लिए ऐसे कठिन समय में। 
  • लिस्टेड होने के बाद, गोएयर या गो फर्स्ट स्पाइसजेट लिमिटेड जैसी प्रतिस्पर्धियों के साथ आईपीओ की श्रेणी में शामिल हो जायेगी। 
  • वित्त वर्ष 2020 तक, गोएयर का कर्ज 1,780 करोड़ रूपये था। 
  • जबकि एयरलाइन का ऑपरेशंस रेवेन्यू वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 20 तक करीब 25 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ा है, हालाँकि पिछले साल इंडस्ट्री पर कोविड-19 के असर के कारण रेवेन्यू में भारी गिरावट आई। 

मुख्य आंकड़ों पर एक नज़र:

वित्त वर्ष 2019 में टोटल रेवेन्यू

6,262.4 करोड़ रूपये

वित्त वर्ष 2019 में नेट प्रॉफिट

123 करोड़ रूपये

वित्तवर्ष 2020 में टोटल रेवेन्यू

7,100 करोड़ रूपये

वित्तवर्ष 2020 में नेट लॉस

1,278.60 करोड़ रूपये

वित्तवर्ष 2020 में बाज़ार हिस्सेदारी

10.8 प्रतिशत

गोएयर के मुकाबले प्रतिस्पर्धियों की फिलहाल बाज़ार हिस्सेदारी

(इंडिगो:स्पाइसजेट:जेटऐरवेज़:एयरइंडिया:गोएयर)

43:13:12:11:9

डोमेस्टिक एविएशन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा:

फिलहाल इंडिगो भारत में डोमेस्टिक एविएशन क्षेत्र काफी आगे है , जिसकी बाजार हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है, इसके बाद 13 प्रतिशत के साथ स्पाइसजेट, 12 प्रतिशत के साथ जेट एयरवेज, 11 प्रतिशत के साथ एयर इंडिया और फिर नौ प्रतिशत के साथ गोएयर का स्थान है। जैसे-जैसे हम लिस्ट में नीचे जाते हैं, मार्जिन स्पष्ट रूप से कम होता जाता है, और गोएयर में नजदीकी प्रतिस्पर्धियों से कड़े मुकाबले की ताक़त है। 

एयरलाइन और आईपीओ से जुड़ी हालिया सुर्खियां:

  • गो एयरलाइंस आईपीओ से पहले प्रेफरेंशियल प्लेसमेंट बेचकर 1,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। 
  • गोएयर या गो फर्स्ट अप्रैल 2021 में 98.1 प्रतिशत के उच्चतम ऑन-टाइम-परफॉर्मेंस सहित हाई ऑपरेशनल परफॉर्मेंस के साथ टॉप पर बना हुआ है। 
  • इसने अन्य डोमेस्टिक एयरलाइनों की तुलना में अप्रैल 2021 में बाजार हिस्सेदारी में सबसे तेज़ बढ़ोतरी हुई जो 7.8 प्रतिशत से बढ़कर 9.6 प्रतिशत हो गई। 
  • रिटेल इन्वेस्टर कोटा काफी है। यह कोटा 35 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। 
  • संभावित शेयरहोल्डर को इस बात का पता होना चाहिए कि एयरलाइन अभी भी अपनी परफॉर्मेंस में सुधार कर रही है, एयरलाइन को जो लॉस हुआ है और इसके भारी-भरकम कर्ज के साथ, ऐसे मुश्किल समय में एयरलाइन का मूल्यांकन करना मुश्किल काम हो सकता है।

गोएयर आईपीओ के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. गोएयर का आईपीओ कैसा है?

गोएयर द्वारा लॉन्च किया जा रहा आईपीओ एक मेन-बोर्ड आईपीओ होगा।

2. गोएयर के आईपीओ के खुलने की तारीख क्या है?

गोएयर के आईपीओ की तारीख की अभी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन यदि इसे जुलाई तक मंजूरी मिल जाती है तो यह अगस्त में बाजार में आ जाएगा।

3. इसे कहां सूचीबद्ध किया जाएगा?

यदि मंजूरी मिल जाती है, तो आईपीओ बीएसई और एनएसई दोनों सूचकांकों पर लिस्ट होगा।

4. गोएयर के आईपीओ में कौन इन्वेस्ट कर सकता है?

यह क्वालिफाइड इंस्टीच्यूशनल बिडर (क्यूआईबी), नॉन-इंस्टीच्यूशनल इन्वेस्टरों (एनआईआई) और रिटेल इन्वेस्टरों के लिए होगा। 

5. गोएयर के आईपीओ में इन्वेस्टरों के लिए शेयर कितने अनुपात में होगा?

इन्वेस्टरों के अनुपात में (क्यूआईबी) के लिए 50 प्रतिशत, (एनआईआई) के लिए 15 प्रतिशत और रिटेल इन्वेस्टरों के लिए 35 प्रतिशत तय किया गया है। 

6. गोएयर के आईपीओ इश्यू कितना बड़ा है?

गोएयर का आईपीओ 3600 करोड़ रुपये का है। 

7. गोएयर आईपीओ की शेयर प्राइस और प्राइस बैंड क्या है?

शेयर प्राइस अभी घोषणा नहीं हुई है, न ही गोएयर आईपीओ के लिए प्राइस बैंड तय किया गया है।

8. गोएयर के आईपीओ का उद्देश्य क्या है?

आईपीओ के ज़रिये जुटाई गई 3,600 करोड़ रुपये की राशि में से 55 प्रतिशत का उपयोग कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, 240 करोड़ रूपये का उपयोग कंपनी के फ्यूल प्रोवाइडर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को भुगतान के लिए किया जायेगा। कुछ पूंजी को लीज़ के भुगतान के साथ-साथ विमान के रखरखाव के लिए भी अलग रखा जाएगा।

निष्कर्ष:

शेयर बाजार के हर इन्वेस्टमेंट में कुछ न कुछ जोखिम होता है, चाहे कंपनी कितनी ही अच्छी क्यों न हो। फिनांशियल आंकड़े और परफॉर्मेंस पर रिसर्च करते रहें, और ऑफिसियल लिस्टिंग तक प्रतीक्षा करें कि देखें कि क्या आईपीओ निवेश के लायक है और इसकी मार्केट वैल्यू कहाँ है। बेहतर होगा कि अपने दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें ताकि समय न बर्बाद न हो।

यदि आप इस तरह के आगामी आईपीओ में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो एंजेल ब्रोकिंग ऐप पूरी प्रक्रिया को आसान और तेज़ बना देगा। ऐप के साथ आप कभी भी, कहीं से भी शेयर बाजार में अपनी इन्वेस्टमेंट पर नज़र रख सकते हैं - आपको बस एक स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होगी। ऐप न केवल मुफ़्त है, बल्कि सेट-अप प्रक्रिया भी बेहद आसान है और डॉक्यूमेंटेशन के लिए कुछ आसान स्टेप के साथ आपका ट्रेडिंग खाता कुछ ही मिनटों में चालू हो जाएगा। हर कोई इन्वेस्ट कर सकता है चाहे उम्र, प्रोफेशन या जेंडर कुछ भी हो।

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