क्या आपको आईटीसी पर दांव लगाना चाहिए?
शेयर बाजार में कारोबार करने वाले निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी कंपनी के प्रदर्शन, बुनियादी तत्वों और बाजार की अन्य मौजूदा स्थितियों के आधार पर चत…
16 मार्च,2021
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आपने पिछले साल फांग (फेसबुक, आमेज़न, ऐपल, नेटफ्लिक्स और गूगल) शेयरों के नई ऊंचाई पर पहुँचने के बारे में ज़रूर सुना होगा - ठीक उस वक़्त जब ज़्यादातर कंपनियां एक अदद उत्पाद मुनाफे में बेचने को तरस रही थीं। इन्टरनेट ने हमेशा कारोबार दक्षता और पहुँच बढ़ाने की अभूतपूर्व क्षमता का प्रदर्शन किया है और किस तरह यह प्रक्रियाओं को तेज़ कर देता है ये समझना कोई बड़ी बात नहीं है। आमेज़न ने मुनाफा कमाया इसलिए नहीं कि वह ऑनलाइन सामान बेचती है बल्कि इसलिए कि वह ग्राहकों की मांग में भारी अंतर की भरपाई कर रही थी - उनके स्थानीय बाज़ार से इतर सामान उपलब्ध करा कर और कंपनियों को आमेज़न वेब सर्विस (एडब्ल्यूएस) के साथ रेडी-टू-डेप्लॉय इन्टरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता मुहैया कराकर दोनों ही तरीके से उनकी मदद कर रही थी।
हालांकि, इन्टरनेट की त्रुटिहीन क्षमता हमारे और आपके जैसे खरीदारों तक ही सीमित नहीं है। कल्पना करें कि आप लीज़ पर वाहनों का समूह चलाते हैं और आप अपने ट्रकों में जीपीएस सेंसर लगना चाहते हैं। या कल्पना करें कि आप पीवीसी पाइप के उत्पादन का कारोबार चलाते हैं और सप्लायर जो मुनाफे वाली डर पर आपकी फैक्ट्री को पीवीसी उपलब्ध कराता है उसके पास कोविड के दौरान कामगार नहीं हैं और नतीज़तन आपका भी कारोबार प्रभावित होगा। आप कारोबारी के तौर पर ऐसी स्थिति में क्या करेंगे? यहीं इंडियामार्ट (IndiaMART) की ज़रुरत होती है।
इंडियामार्ट इंडियामेश मूल रूप से भारत का एक ऑनलाइन बी2बी बाज़ार है - यह बी2बी दायरे में खरीदार और विक्रेता दोनों की ज़रुरत पूरी करता है। अब इसका क्या मतलब है? और हम इंडियामार्ट के बारे में बात ही क्यों कर रहे हैं? क्योंकि यह कंपनी जो भारत का सबसे बड़ा ऑनलाइन बी2बी बाज़ार है, उसने क्यूआईपी - या क्वालिफाइड इंस्टीच्यूशनल प्लेसमेंट पेश किया है जो इसे अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए और पूँजी जुटाने की अनुमति देगी। और सारा शोर-शराबा इसी का है। हम समझने की कोशिश करेंगे कि इंडियामार्ट के शेयर की कीमत के लिए इस क्यूआईपी का क्या मतलब है।
हाँ, सो हम इंडियामार्ट के बारे में बात कर रहे थे जो खरीदार और विक्रेता दोनों ही तरफ के लिए बी2बी दायरा है। याद है हमने ज़िक्र किया था कि आपके पीवीसी सप्लायर ने आपका कारोबार चलाने के लिए पीवीसी का सप्लाय करना बंद कर दिया था? यदि आप भारत में कारोबार करते हों तो इंडियामार्ट ही वह जगह है जहाँ आपको नये पीवीसी सप्लायर की तलाश करनी चाहिए। अब यदि आप यदि अपने बनाए पीवीसी पाइप को दूसरी फैक्ट्री को बेचना चाहते हैं जो पीवीसी पाइप का इस्तेमाल अन्य उत्पाद बनाने के लिए करती हो तो संभव है कि ये कंपनियां भी कोविड के दौरान मुश्किल के दौर से गुज़री हों। अब आपको अपने द्वारा बनाये गए पाइप को अन्य कंपनियों को बेचना है। फिर से आपको इंडियामार्ट जाना होगा ताकि आपके विनिर्मित उपकरणों की बिक्री हो सके। इंडियामार्ट बी2बी समीकरण में दोनों पक्षों को सेवा प्रदान करता है, यह कहने से हमारा मतलब यही था।
जब महामारी का प्रकोप हुआ तो कंपनियां नए सप्लायर ढूँढने के लिए परेशान थीं ताकि अपना कारोबार चालू रखा जा सके और नए खरीदार भी की तलाश थी ताकि अपने बैलेंस शीट को मुश्किल बाहर रखा जा सके। इंडियामार्ट इनकी मदद के लिए आगे आया और ख़बरों के मुताबिक़ इंडियामार्ट की वेबसाइट पर ट्रैफिक 38 प्रतिशत बढ़ गया और 56 प्रतिशत अधिक कंपनियों ने खरीद-बिक्री के लिए पूछ-ताछ शुरू की। और ऐसा बिल्कुल सही वजह से हुआ। आने वाले समय बी2बी या बी2सी, खरीद-बिक्री इन्टरनेट पर हो सकती है जब तक कोई नई तकनीक हमारे जीवन में प्रवेश न करे और कारोबार चलाना आसान न बना दे। कुछ सबसे बड़ी कंसल्टिंग कंपनियां इन्टरनेट के ज़रिये कारोबार करने की प्रमुखता पर सहमत हैं।
अब हम समझ रहे हैं कि ऑनलाइन बी2बी कारोबार का भविष्य ठोस दीखता है। सो इंडियामार्ट क्यूआईपी के ज़रिये पूंजी क्यों जुटाना चाहती है? ध्यान रखें, क्यूआईपी नियामक की ज़िम्मेदारी काफी हद तक पेशकश करने वाली कंपनी से हटाकर खरीदार की ओर कर देती है। इसका अर्थ है कि सिर्फ क्वालिफाइड इंस्टीच्यूशनल बायर (क्यूआईबी) ही क्यूआईपी की पेशकश से शेयर खरीद सकते हैं। दूसरी खबर के मुताबिक इंडिया मार्ट के क्यूआईपी को एडेलवाइस, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और जेफरीज़ जैसे कुछ बड़े नामों का समर्थन प्राप्त है। कोई आश्चर्य नहीं कि इंडियामार्ट के शेयर की कीमत क्यूआईपी शुरू होने के दिन सात प्रतिशत बढ़ गया - और यह तारिख थी 17 फरवरी।
सो इन क्यूआईबी के लिए क्या है और इंडियामार्ट पूंजी क्यों जुटा रही है यदि इस उद्योग के लिए भविष्य बढ़िया दिख रहा है और जब कंपनी बढ़िया प्रदर्शन कर रही है? मूल रूप से, इंडियामार्ट चाहती है कि यह पूँजी जुटाकर वैकल्पिक आय का स्रोत तैयार किया जा सके। क्यूआईबी के लिए पेशकश लगभग पांच प्रतिशत की रियायत पर उपलब्ध कराई गई जबकि फ्लोर मूल्य 9,065.61 रूपये थी।
इसलिए क्या इस क्यूआईपी से इंडियामार्ट को भारतीय शेयर बाज़ार में तेज़ी हासिल करने में मदद मिलेगी जैसे फांग में तेज़ी दर्ज़ हुई थी। खैर, पेशकश के बाद कीमत में सात प्रतिशत की वृद्धि के अलावा पिछले साल मार्च (1,740 रूपये) और इस साल फरवरी के बीच शेयर की कीमत 5.5 गुना बढ़ गई। इसके अलावा इस लेख को लिखने के वक़्त कीमत 8000 से काफी ऊपर बरकरार थी। इंडियामार्ट बाज़ार में महत्वपूर्ण अंतर को पाटता है। भारत के ज़्यादातर बी2बी एसएमई में अमेरिकी कंपनियों के मुकाबले डिजिटल परिपक्वता की कमी है और उन्हें बड़े पैमाने पर बाज़ार में भागीदारी करने में मदद करता है।
कोई नहीं बता सकता कि कीमत कहाँ जा रही है, उद्योग का भविष्य बेहतर दिख रहा है और एसएमई इंटरनेट की ओर भाग रहे हैं क्योंकि व्यक्तिगत तौर पर सामान बेचने और सप्लायर ढूँढने के मुकाबले ऑनलाइन अपना सामान बेचना और नए सप्लायर ढूँढने का लाभ बहुत अधिक है। दरअसल मैकिंज़ी का कहना है कि कोविड ने बी2बी बिक्री की स्थिति को हमेशा के लिए बदल दिया है और मांग की तरफ से डिजिटल मंच पर आने की बहुत संभावना है - ज़्यादातर बी2बी खरीदार दूर से ऑनलाइन संपर्क चाहते हैं। इंडियामार्ट एसएमई को इस दिशा में पहला कदम उठाने में मदद करती है इसलिए मूल्य पक्ष मज़बूत है। क्यूआईपी से कंपनी को बहुत फायदा होगा क्योंकि कंपनी हर तरह से बी2बी बाज़ार की संभावनाएं तलाश रही है। अपने मंच से सहयोगी क्षमताओं को जोड़ना इसी दिशा में ठोस कदम होगा।
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