2021 के टॉप 5 आईपीओ
यहां 2021 के टॉप आईपीओ की सूची दी गई है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें!
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04 जून,2021
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जोखिम कम करने की इस सलाह की तुलना सरकार की इस सलाह से की जा सकती है कि वे घर से बाहर निकलने पर मास्क ज़रूर पहनें ताकि कोविड -19 के जोखिम को कम किया जा सके। फिर भी, क्या आप पाँच या छह मास्क लगाने की कल्पना कर सकते हैं? यदि एक मास्क वायरस के संक्रमण का जोखिम कम करने में मदद करता है, तो पांच मास्क से सुरक्षा पांच गुनी होनी चाहिए, है ना?
आप ऐसा सोच सकते हैं- लेकिन ऐसा होता नहीं है। इसकी संभावना अधिक है कि पांच मास्क पहनने वाले व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी हो और ऐसा कर वह अपने लिए कोई न कोई समस्या ही पैदा करेगा। आपको कुछ ज़्यादा ही एहतियात नहीं बरतना चाहिए क्योंकि आपका दम घुट सकता है। इसी तरह, इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का ओवर-डायवर्सिफिकेशन का असर भी उलटा ही होता है।
आइए समझते हैं कि हम डायवर्सिफिकेशन क्यों करते हैं और यह जोखिम कम करने में कैसे मदद करता है। डायवर्सिफिकेशन का मतलब है धीमी ग्रोथ और यदि कुछ कंपनियों और सेक्टर के स्टॉक लुढ़क रहे हैं तो दूसरे सेक्टर के स्टॉक में आई तेज़ी से इसकी भरपाई की जा सके। इसलिए यदि एफएंडबी और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में गिरावट आ रही है तो इधर फार्मा और आईटी शेयरों में अच्छी ग्रोथ हो रही है।
हालांकि, यदि कई किस्म के सेक्टर में 'एक्सपोज़र' नहीं है तो आप उनके स्टॉक की कीमत के ग्राफ में ऊंचाई (और गिरावट का भी) का अनुभव नहीं कर पाएंगे। एक्सपोजर से मतलब है किसी निश्चित स्टॉक या सेक्टर में निवेश करने से है - कितना एक्सपोजर उचित है? खैर, अलग-अलग विशेषज्ञ की अलग-अलग राय है: कुछ कहते हैं 3 से 20; दूसरे विशेष रूप से 20 हैं और कुछ इसके बजाय बीच-बीच की राय देते हैं और कहते हैं 8-12 रखें।
याद रखें कि आपको इन सभी शेयरों पर पर्याप्त रिसर्च करने की भी ज़रुरत है, इसलिए अपने शेयरों को चुनते समय ध्यान रखें - और आपको डायवर्सिफाय ज़रूर करना चाहिए लेकिन आपको शेयर समझदारी से चुनना चाहिए। धीरे-धीरे शेयरों के चुनाव से आपको ओवर-डायवर्सिफिकेशन की संभावना को दूर करने में भी मदद मिलती है। अब जब हमने डायवर्सिफिकेशन और ऑप्टिमल स्तर पर करने की बात की है तो हम यह पता लगाने के लिए तैयार हैं कि इसका उल्टा हो तो कैसे दांव उलटा हो सकता है।
आप डायवर्सिफाय करते हैं गिरावट की भरपाई तेज़ी से करने के लिए लेकिन जब आप ओवर-डायवर्सिफिकेशन करते हैं तो आप तेज़ी का लाभ गँवा बैठते हैं गिरावट के साथ। आपके कुछ स्टॉक का प्रदर्शन बेहतरीन हो सकता है लेकिन कुछ अन्य शेयरों में गिरावट से आपकी कुल आय में कमी हो सकती है।
यह सच है यदि आप खासकर इंट्राडे ट्रेडर हैं, लेकिन यह तब भी लागू होता है जब आप एक शॉर्ट-टर्म, मिड-टर्म या लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं। आपको उन कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट, तिमाही रिपोर्ट, बैलेंस शीट और अन्य वित्तीय आंकड़ों पर नजर रखनी चाहिए जिनके स्टॉक आप खरीदते हैं। आपको उन कंपनियों और उन सेक्टर से जुड़ी ख़बरों पर भी ध्यान देना चाहिए जिन दायरों में ये काम करती है; आपको प्रतिस्पर्धी कंपनियों के शेयरों के खिलाफ अपने शेयरों का मूल्यांकन करना होगा, संबद्ध क्षेत्रों या कमोडिटी के बारे में अपडेट रहना होगा जो आपके शेयरों को प्रभावित कर सकते हैं और आपको समग्र आर्थिक हालात पर नजर रखनी होगी। डायवर्सिफिकेशन के वांछित स्तर को प्राप्त करने के लिए काफी समय तक निवेश की ज़रुरत होती है। ओवर-डायवर्सिफिकेशन का मतलब है कि आप हर स्टॉक के लिए रिसर्च करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दे रहे हैं।
कुछ म्यूचुअल फंड जबरदस्त कैश फ्लो (या म्यूचुअल फंड में पूंजी के प्रवाह) को देखते हुए सैकड़ों शेयरों में निवेश करते हैं। पूंजी के इस प्रवाह की मदद स्टॉक खरीदकर करनी होगी। फंड मैनेजर एक निश्चित समय पर खरीदे जाने वाले सही स्टॉक का सावधानीपूर्वक चयन करेगा। हालांकि, समय के साथ, फंड इतने सारे शेयरों को ट्रैक कर रहा होगा कि तेज़ी का लाभ गिरावट की वज़ह से ख़त्म हो जाता है और फंड बेंचमार्क और इंडेक्स की तरह प्रदर्शन नहीं कर पाता है कुछ शेयरों का प्रदर्शन ज़रूर उनके अनुरूप होता है जिन्हें वे ट्रैक कर रहे होते हैं।
ओवर-डायवर्सिफिकेशन का दांव उल्टा पड़ सकता है इसका सिर्फ यह प्रमाण नहीं है बल्कि यह बड़ी वजह भी है कि आप अपने म्यूचुअल फंड की अधिक सावधानी से जांच करें।
मान लीजिए कि हर बार जब आपके पास कुछ अतिरिक्त पूंजी आती है तो आप विभिन्न किस्म के सेक्टर के शेयरों में निवेश करते हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, आपके पास जो सकता है लगभग सारे एनर्जी स्टॉक या बहुत से टेलिकॉम स्टॉक जैसी कुछ चीज़ें हो सकती हैं। इस मौके पर कुछ सेक्टर में आपका एक्सपोज़र असंतुलित हो जाता है - यदि इस सेक्टर में कुछ दिक्कत होती है जिससे वृद्धि रूकती हो तो स्टॉक की कीमतों गिरने लगती है तो आपको नुकसान होगा।
संभव है कि डायवर्सिफिकेशन लाने के लिए आप उन सेक्टर में कदम रख रहे हैं जिन्हें समझना आपके लिए कठिन है। यह संभव नहीं कि किसी को दर्ज़न भर सेक्टर के बारे में ठीक-ठीक जानकारी हो? यह दरअसल उस तरह की समझ को बढ़ावा देता है जो औसत इन्वेस्टर की समझ में आता है। 20 सेक्टर को समझने के लिए आदमी को जीनियस होना चाहिए। हम में से अधिकांश के लिए पांच से आठ सेक्टर की समझ ही बहुत है। विशेषज्ञ आमतौर पर इन्वेस्टर को सलाह देते हैं कि वे ऐसे सेक्टर के स्टॉक चुनें जिन्हें वे समझते हों। यह बैकग्राउंड उनेक लिए ज़रूरी है ताकि वे इन्वेस्ट करने से पहले अपने स्टॉक के बारे में रिसर्च करें।
हमेशा सलाह दी जाती है कि शेयर बाज़ार के बारे में जो भी रणनीति अपनाते हैं वह संतुलित होनी चाहिए। जैसा कि आप देख सकते हैं कि जोखिम कम करने का उत्साह भी जोखिम है! शेयर बाजार के जोखिम पर हमेशा नज़र रखें क्योंकि यह आपको सुरक्षित रखता है, लेकिन जोखिम के लाभ पर विचार जरूर करें। एहतियात के तौर पर सिर्फ अतिरिक्त पूंजी ही इन्वेस्ट करें और सुनिश्चित करें कि आपके पास इन्कम का कोई और स्थिर, भरोसेमंद स्रोत है। सबसे बड़ी बात, यह याद रखें कि हर कोई इन्वेस्ट कर सकता है, चाहे उसकी उम्र, पेशा और जेंडर कुछ भी हो। आपने अपना रिसर्च कर पहला कदम उठा लिया है। एंजेल ब्रोकिंग के साथ अपना इन्वेस्टमेंट सफ़र शुरू करें और इन्वेस्ट करने से पहले शेयर बाजार को बेहतर ढंग से समझने के लिए हमारे इन्वेस्टर एजुकेशन प्लैटफॉर्म का उपयोग करना ज़रूर करें।
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