​​सेंसेक्स में गिरावट के कारण शुगर स्टॉक लुढ़का

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19 नवम्बर,2021

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शुगर स्टॉक्स बाजार में महत्वपूर्ण रुझानों के संकेत देते हैं। वे इकॉनमी के महत्वपूर्ण इंडस्ट्री सेक्टर भी हैं। इसके बारे में और जानने के लिए पढ़ें।

परिचय

ट्रेडर्स के लिए लगातार शेयर बाजार पर नजर रखना ज़रूरी है ताकि वे रुझान पहचान सकें और यह तय कर सकें कि कब किसी स्टॉक या इंडस्ट्री के बेहतर या बदतर प्रदर्शन की संभावना है। यदि बाजार को टाइम करने कामयाब रहे तो ट्रेडिंग से जुड़े ऐसे फैसले करना संभव है जिसमें अच्छा मुनाफा हो। इसका मतलब है कि बाजार को टाइम करना कोई आसान उपलब्धि नहीं है और इसके लिए अनुभव, लगन और यहां तक कि किस्मत भी चाहिए।

सितंबर के अंतिम सप्ताह में सेंसेक्स में गिरावट के कारण शुगर स्टॉक्स में गिरावट देखी गई। इस लेख में इसी की पड़ताल की गई है।

इंडियन शुगर लैंडस्केप में कंपनियों का प्रदर्शन

शुगर कंपनियों के स्टॉक पर नज़र डालने से पता चलता है कि केवल चार ही कंपनियां हैं जिनकी वैल्यू में बढ़ोतरी हुई है। इनमें त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज शामिल हैं, जिसमें 1.92 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई । इसके बाद सिंभावली शुगर्स का स्थान रहा, जिसमें 1.77 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज में 0.36 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई। शक्ति शुगर्स में 0.34 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई, जिससे यह अन्य लाभार्थियों में शामिल गई।

वहीं दूसरी ओर श्री रेणुका शुगर्स में 2.72 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई। धामपुर शुगर मिल ने इसी के नक्शेकदम पर चलते हुए 2.36 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ की। राणा शुगर्स, मवाना शुगर्स और केसीपी शुगर एंड इंडस्ट्रीज के बाद क्रमशः 2.23 प्रतिशत, 1.86 प्रतिशत और 1.86 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई। बन्नारी अम्मन शुगर्स में 1.50 प्रतिशत, पोन्नी शुगर्स में 1.37 प्रतिशत, ईआईडी पैरी में 1.25 प्रतिशत और राजश्री शुगर्स एंड केमिकल्स में 1.15 प्रतिशत की गिरावट आई।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 इंडेक्स 106.5 अंकों की गिरावट के साथ 17748.6 पर आ गया, जबकि 30 शेयरों वाला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज सेंसेक्स 410.28 अंकों की गिरावट के साथ 59667.6 पर आ गया।

शुगर स्टॉक में गिरावट पर एक नज़र

कई शुगर स्टॉक्स में सिर्फ 2021 में प्रमुख रूप से मूल्य में बढ़ोतरी हुई और खुदरा इन्वेस्टर्स ने ख़ुशी-ख़ुशी शुगर का रुख किया लेकिन इसमें इन्वेस्ट करने के लिए इन्डस्ट्री की समझ की ज़रूरत होती है।

कई शुगर कंपनियों के स्टॉक में यह गिरावट शुगर इंडस्ट्री के सिक्लिकल होने के कारण हुई। इस इंडस्ट्री का रेवेन्यू शुगर की कीमत पर निर्भर है जो शुगर की आपूर्ति के साथ-साथ शुगर के उत्पादन से जुड़ा है। लगभग स्थिर मांग के बीच भी शुगर के उत्पादन या आपूर्ति में किसी भी तरह का उतार-चढ़ाव इसकी कीमतों में बढ़ोतरी और गिरावट की वजह बन सकती है। ब्राजील में फसल खराब होने के मामले से यह स्पष्ट है जिसे दुनिया में शुगर का सबसे बड़े उत्पादक माना जाता है। इस तरह के हालात शुगर की कीमत में तेज बढ़ोतरी का कारण बनते हैं। बढ़ती कीमत की स्थिति में शुगर इंडस्ट्री का प्रदर्शन अच्छा रहता है। हालांकि, अधिक कीमत का मतलब है कि किसान अधिक गन्ना उगाने के लिए प्रेरित होते हैं।  भारतीय किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी के तहत सुरक्षित हैं, गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी से कोई ज़्यादा जोखिम नहीं होता है। जैसे-जैसे खेती को प्रोत्साहन मिलता जाता है, शुगर की आपूर्ति बढ़ जाती है जिससे इसकी कीमत गिर जाती हैं। फिर यह साइकल खुद को दोहराता रहता है।

अगस्त में ब्राजील से आपूर्ति की कमी से संबंधित चिंता के कारण वैश्विक बाजारों में शुगर की कीमत में बढ़ोतरी दर्ज़ हुई। ऐसा उनकी गन्ने की फसल पाले की चपेट में आने के कारण हुआ। शुगर कंपनियों से उम्मीद थी कि इसके तुरंत बाद अच्छा प्रदर्शन होगा। अब, हालांकि वह दौर बीत चुका है और जबकि शुगर स्टॉक बहुत कम समय में अच्छा रिटर्न अर्जित करने कर सकते थे लेकिन अब इन्हें सबसे बड़ा मुनाफा देने वाला स्टॉक नहीं मानना चाहिए। उदाहरण के लिए डालमिया भारत को लें, जिसकी कीमत जनवरी 2010 में 200 रुपये थी और जनवरी 2020 में 120 रुपये थी। या फिर श्री रेणुका शुगर्स को देखें, जिसका कीमत जनवरी 2010 में 100 रुपये थी और जनवरी 2020 में 10 रुपये थी। ये 10- साल के रिटर्न फ्रेम सबसे ज्यादा बता रहे हैं। वे वेल्थ क्रिएटर नहीं हैं और निश्चित रूप से कंसिस्टेंट कंपाउंडर्स के रूप में काम नहीं करते हैं।

निष्कर्ष

शुगर इंडस्ट्री से जुड़े शेयरों पर अपना पूरा दांव लगाने के बजाय, इन्वेस्टर उन कंपनियों में इन्वेस्टर करने पर विचार करें जो लंबे समय तक लगातार धन सृजन करने में कामयाब रही हैं। 2010 और 2020 के बीच के दौर में शुगर स्टॉक्सों के कमजोर प्रदर्शन के उलट, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एचयूएल जैसी कंपनियों के शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने इन्वेस्टर्कोस मल्टीबैगर से जुड़ी खूबियों का फायदा दिया और उन्हें बहुत मुनाफा हुआ।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न1. क्या शुगर स्टॉक व्यवहारिक दीर्घकालिक इन्वेस्टमेंट हैं जो लंबी अवधि में धन सृजन में मदद करते हों ?
उत्तर1. शुगर स्टॉक्स शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट के तौर पर ऐतिहासिक तौर पर बेहद अनुकूल रहे हैं क्योंकि वे अपने शेयरधारकों को अल्पकालिक रिटर्न हासिल करने में मदद करते हैं। हालांकि, लॉन्ग-टर्म में, शुगर स्टॉक धन सृजन में मदद नहीं कर सकते क्योंकि यह इंडस्ट्री सिक्लिकल है।

प्रश्न 2. शुगर इंडस्ट्री की मुख्य विशेषता क्या है?
उत्तर2. शुगर इंडस्ट्री की मुख्य विशेषता है इसका सिक्लिकल होना। इस इंडस्ट्री का रेवेन्यू शुगर की कीमत पर निर्भर करता है जो शुगर की आपूर्ति के साथ-साथ शुगर के उत्पादन से भी जुड़ा है।

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