भारत में परमानेंट एस्टैबलिशमेंट (पीई) का टैक्सेशन
भारत के इन्कम टैक्स एक्ट के तहत आर्टिकल 5 (1) में फर्म के परमानेंट एस्टैबलिशमेंट और उसके ऑपरेशन पर लगाए जाने वाले टैक्स का उल्लेख है। भारत में परमानेंट एस्टैब…
14 सितम्बर,2021
6
874
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (या पीपीएफ) के ज़रिये अर्जित इंटरेस्ट पर टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा, पीपीएफ से हुई आय पर इन्कम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के अनुसार टैक्स बेनिफिट मिलता है। पीपीएफ से जुड़ा इंटरेस्ट भारत के ज़्यादातर नेशनल बैंक्स में फिक्स्ड डिपॉज़िट पर मिलने वाले इंटरेस्ट से कहीं बेहतर है। पीपीएफ पर फिलहाल 7.10 प्रतिशत सालाना की दर से इंटरेस्ट मिलता है। पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट करने से पहले यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है और इसकी लॉक-इन समय सीमा है 15 वर्ष। बुढ़ापे के लिए जो एक कॉर्पस बनाना चाहते हैं उन्हें इस इन्वेस्टमेंट ऑप्शन में रूचि हो सकती है।
यह एक वोलंटरी योगदान के तौर पर काम करता है जो स्टैच्यूटरी ईपीएफ योगदान के पार है। केवल ईपीएफओ के सदस्य सैलरीड लोगों को ही वोलंटरी प्रॉविडेंट फंड में इन्वेस्टमेंट करने की अनुमति है। एम्पलॉयी चाहे तो इस तरह के फंड कितना भी पैसा लगा ले, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि एम्पलॉयर एम्पलॉयी को मिलने वाली सैलरी के मुकाबले 12 प्रतिशत से अधिक का योगदान नहीं करेगा। वोलंटरी प्रॉविडेंट फंड पर इंटरेस्ट की मौजूदा दर 8.50 प्रतिशत है। इस तरह के फंड में किए गए योगदान पर इन्कम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन की अनुमति है। एक साल में 2.5 लाख रूपये तक के इन्वेस्टमेंट, अर्जित इंटरेस्ट, और मैच्योरिटी आय में से हर एक पर टैक्स में छूट है।
कुछ सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं को टैक्स-फ्री बांड के ज़रिये फंड जुटाने की अनुमति है। इन संस्थानों में इंडियन रेलवेज़ फिनांस कॉर्पोरेशन (या आईआरसीएफ) और हडको शामिल हैं, लेकिन इनमें बस यही कंपनियां शामिल नहीं हैं। इनमें से हर बांड के ज़रिये मिला इंटरेस्ट पूरी तरह से टैक्स-फ्री है। भारत में फिलहाल इन बांडों को स्टॉक एक्सचेंज लिस्ट करने की मंज़ूरी है। उदाहरण के लिए आईआरएफसी बॉन्ड जो टैक्स-फ्री बॉन्ड 2021 का हिस्सा है और इसका इंटरेस्ट रेट 8.65 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि इस बॉन्ड को 1,290 रूपये में खरीदना होगा जो आपके मुनाफे को कम कर सकता है। इस इन्वेस्टमेंट की एक और खामी यह है कि इसमें बहुत अधिक लिक्विडिटी नहीं है।
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान में इन्वेस्टमेंट करने वालों को टैक्स-फ्री इन्कम भी मिलती है आप बीमा के भी हकदार हैं जो आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम का 10 गुना है। यूलिप पिछले कुछ साल में काफी लोकप्रिय हुआ है। इन्वेस्टर के तौर पर आप इन्कम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं। इसका मतलब है कि इस पर रिटर्न बहुत अच्छा नहीं है क्योंकि आपके पैसे का एक बड़ा हिस्सा प्रशासनिक या मृत्यु संबंधी कई किस्म के चार्जेज में चला जाता है। लॉक-इन अवधि 5 साल है, हालांकि कुछ मामलों में यह अधिक हो सकती है।
बैंक अकाउंट में जमा सेविंग पर जो इंटरेस्ट मिलता है उस पर टैक्सन हीं लगता है, बशर्ते हर सेविंग बैंक अकाउंट पर मिली इंटरेस्ट की राशि 10,000 रूपये से कम हो। इस तरह आप इस नियम के अनुसार इन्वेस्टमेंट और सेविंग प्लान कर सकते हैं। हालांकि यह महत्वपूर्ण है कि सेविंग बैंक अकाउंट पर बहुत मामूली इंटरेस्ट रेट मिलता है। यदि आप यह ऑप्शन चुनते हैं तो स्मॉल फिनांस बैंक चुनें जहां सेविंग बैंक अकाउंट में 10 लाख से अधिक तक की राशि पर 6 प्रतिशत इंटरेस्ट मिलता है। इसके अलावा, इस योजना के साथ इन्फ्लेशन से अधिक रिटर्न मिलने की संभावना नहीं है।
टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट वाले प्रॉडक्ट के लिए पर्याप्त शोध करना महत्वपूर्ण है ताकि इनकी समय सीमा, इन्वेस्टमेंट ऑप्शन, इंटरेस्ट रेट और मुनाफे की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट लक्ष्यों से मेल खाती हो।
प्रश्न1. ईपीएफ क्या है?
उत्तर1. एक ईपीएफ एक एम्पलॉई प्रॉविडेंट फंड है जो एम्पलॉई प्रॉविडेंट फंड आर्गेनाईजेशन द्वारा आयोजित रिटायरमेंट बेनिफिट योजना के तौर पर काम करता है।
प्रश्न 2. इन्कम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80सी क्या है?
उत्तर3. इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 80सी उन खर्चे और इन्वेस्टमेंट से जुड़ी है जिन पर इन्कम टैक्स से छूट है। इसके तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की छूट की अनुमति है।
प्रश्न3. वीपीएफ का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर3. वीपीएफ फुल फॉर्म है वोलंटरी प्रॉविडेंट फंड।
आप इस अध्याय का मूल्यांकन कैसे करेंगे?
संबंधित ब्लॉग
ज्ञान की शक्ति का क्रिया में अनुवाद करो। मुफ़्त खोलें* डीमैट खाता
#स्मार्टसौदा न्यूज़लेटर की सदस्यता लें