प्री-मार्केट ट्रेडिंग क्या है? यहां समझें।

11 फरवरी,2022

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एनएसई ने प्री-ओपन मार्केट सेशन खुले बाजार में इक्विटी में भारी उतार-चढ़ाव कम करने के लिए बनाया था। एनएसई पर, प्री-मार्केट ट्रेडिंग की अवधि सुबह 9:00 बजे से सुबह 9:15 बजे तक है।

शेयर बाजार तकनीकी रूप से बिज़नेस आवर में काम करता है, फिर भी आप बाजार खुलने से पहले ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसे प्रीमार्केट ट्रेडिंग कहते हैं, और इसके तहत इन्वेस्टर्स को बाजार के जनता के लिए खुलने से पहले इक्विटी खरीदने और बेचने की सुविधा है। इस तरह की ट्रेडिंग के मुख्य फायदा यह है कि इससे इन्वेस्टर्रों को उन समाचारों और घटनाओं के आधार पर ट्रेड करने में मदद मिलती है जो सामान्य बिज़नेस आवर से बाहर होती हैं। दूसरी ओर, खरीदारों की कम संख्या और अप्रत्याशित मूल्य निर्धारण के कारण शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए प्रीमार्केट ट्रेडिंग जोखिम भरा हो सकता है। प्रीमार्केट ट्रेडिंग और अन्य किसी भी तरह की इन्वेस्टमेंट संबंधी के लिए सलाह के लिए किसी फिनांशियल एडवाइजर से संपर्क करें।

प्रीमार्केट स्टॉक ट्रेडिंग: यह क्या है और यह कैसे काम करता है?

एनएसई ने प्री-ओपन मार्केट सेशन, खुले बाजार में इक्विटी की अस्थिरता कम करने के लिए बनाया था। एनएसई में, प्री-मार्केट ट्रेडिंग सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक होती है, और ट्रेडर्स ट्रेडिंग डे की शुरुआत से पहले इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंजों पर सिक्योरिटीज़ खरीद-बेच जा सकते हैं इन इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंजों के लिए कोई फिज़िकल लोकेशन नहीं हैं। इसे दूसरे तरीके से कहें तो खरीदार और विक्रेता डिजिटल नेटवर्क के ज़रिये संवाद करते हैं।

प्रीमार्केट ट्रेडिंग अपेक्षाकृत हाल की व्यवस्था है। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) ने 1991 में 24 घंटे के वैश्विक ट्रेडिंग के जवाब में रेगुलर आवर के बाद ट्रेडिंग की अनुमति दी गई थी। तब से, ऑटोमेटेड अंतर्राष्ट्रीय ट्रेडिंग की लोकप्रियता बढ़ गई, और एक्सचेंजों ने नॉन-मार्केट आवर को शामिल कर ट्रेडिंग आवर बढ़ाया है। ट्रेडिशनल मार्केट बंद होने के बाद भी ट्रेडिंग संभव है। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर, हालांकि, सामान्य ट्रेडिंग बंद होने के बाद भी ट्रेडिंग अगली सुबह तक जारी रह सकती है।

प्रीमार्केट ट्रेडिंग का अपना जोखिम होता है।

प्रीमार्केट के दौरान ट्रेडिंग बढ़ सकती है, समाचार और यहां तक कि अफवाह भी बिड और स्टॉक की कीमतों के बीच के फर्क को बढ़ा सकती है। प्रमुख रेडिट मेसेज बोर्डों द्वारा जुड़े व्यक्तिगत इन्वेस्टर्स ने गेमस्टॉप कॉर्प (जीएमई) और एएमसी एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स इंक (एएमसी) जैसी कंपनियों की प्राइस बढ़ाई, जिनकी जनवरी 2021 की शुरुआत में प्रेस में भारी चर्चा हुई थी।

इससे जिन ट्रेडर्स ने स्टॉक शॉर्ट किये थे, या दाँव लगाया था कि इसकी कीमत कम हो जाएगी, वे शॉर्ट होल्डिंग्स पर नुकसान दर्ज़ करने से बचने के लिए खरीदारी के लिए मज़बूर हो गए। नतीजतन, शॉर्ट स्क्वीज़ की स्थिति पैदा हो गई और अतिरिक्त स्टॉक खरीदने के लिए भीड़ बढ़ी और इससे कीमत में तेज़ी आई।

जैसे-जैसे स्क्वीज़ ट्रेड का दबाव कम होता है कीमत लुढ़कती जाती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, शॉर्ट स्क्वीज़ के दौरान ट्रेडिंग करते समय इन्वेस्टर्स को सतर्क रहना चाहिए, और कीमत में भारी उतार-चढ़ाव बेगिनर्स के लिए खतरनाक हो सकता है।

ध्यान रखें कि प्रीमार्केट ट्रेडिंग में कीमत कितनी ऊपर-और कितनी नीचे जायेगी इसका अंदाज़ा नहीं रहता। कम वॉल्यूम होने के कारण, उनमें सामान्य से अधिक तेज़ी और गिरावट आ सकती है। जिन ट्रेडर्स को सामान्य ट्रेडिंग की आदत है, उन्हें प्रीमार्केट में भारी उतार-चढ़ाव से भारी नुकसान हो सकता है।

इससे भी बदतर स्थिति यह हो सकती है, कि प्रीमार्केट अवधि में किये गए ट्रेड के दौरान इक्विटी की कीमत सामान्य अवधि के मुकाबले अलग हो सकती हैं। प्रीमार्केट इंडिकेटर धोखा दे सकते हैं। स्टॉक प्राइस ओपनिंग बेल के साथ अचानक गिर सकती हैं, भले ही वे प्री-मार्केट ट्रेडिंग में उछाल दिखी हो।

प्रीमार्केट ट्रेडिंग में कम ट्रेड होते हैं, इसलिए बायर या सेलर की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। इससे डील करना और कीमत तय करना मुश्किल हो जाता है। प्रीमार्केट प्राइसिंग मूवमेंट पर सावधानी से नज़र रखनी चाहिए। सिर्फ सबसे अनुभवी ट्रेडर्स को ही बाजार खुलने से पहले ट्रेडिंग करने की कोशिश करनी चाहिए।

प्रीमार्केट वर्सस रेगुलर ट्रेडिंग

  • प्रीमार्केट अवधि में कम लोग ट्रेडिंग कर रहे होते हैं, सो प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक होती है। अधिक डेटा तक पहुंच रखने वाले प्रोफेशनल ट्रेडर्स के मुकाबले व्यक्तिगत इन्वेस्टर्सों को बड़ा नुकसान हो सकता है।
  • यदि आप और कोई अन्य इन्वेस्टर इनकम्पेटिबल ईसीएन पर कारोबार कर रहे हैं, तो आप ट्रेड नहीं कर पाएँगे। इस बीच, आपके ब्रोकरेज में कंप्यूटर की छोटी सी गड़बड़ी डील को धीमा कर सकती है या पूरी तरह से रोक भी सकती है।
  • प्रीमार्केट ट्रेडिंग में, सामान्य तौर पर, रेगुलर ट्रेडिंग के मुकाबले अलग तरह के प्रतिबन्ध का पालन होता है। अलग-अलग ईसीएन और ब्रोकरेज के अलग प्रीमार्केट ट्रेडिंग नियम हैं, इसलिए आपको उनकी तुलना करनी चाहिए और इनके विपरीत करना चाहिए।
  • लिमिट आर्डर का उपयोग आम तौर पर ऐसी ब्रोकरेज फर्म करती हैं जो प्रीमार्केट ट्रेडिंग में कारोबार करती हैं। ट्रेड तब पूरे होते हैं जब स्टॉक लिमिट ऑर्डर होने पर या उससे ऊपर के लिमिट प्राइस पर पहुँचता है।
  • प्रे-मार्केट दे दौरान अक्सर समय की कमी होती है। यदि प्रीमार्केट ट्रेडिंग के दौरान टाइम-लिमिट वाले ऑर्डर पूरे नहीं होते हैं, तो उन्हें रद्द किया जा सकता है। जब रेगुलर ट्रेडिंग शुरू होती है, तो प्रीमार्केट ट्रेडिंग के दौरान दर्ज किए गए ऑर्डर पर अमल किया जा सकता है। रेगुलर ट्रेडिंग के दौरान दिए गए ऑर्डर को आफ्टर-आवर्स या प्रीमार्केट ट्रेडिंग सेशन के दौरान निपटाया जा सकता है।

निष्कर्ष

अनुभवी और जागरूक इन्वेस्टर्स के लिए, प्रीमार्केट ट्रेडिंग आकर्षक अवसर हो सकता है यह सामान्य बिज़नेस आवर की ट्रेडिंग के मुकाबले काफी जोखिम भरा है। इसलिए ज़रूरी है कि इन्वेस्टर्स प्रीमार्केट ट्रेडिंग से पहले इसे ठीक से परख लें।

यदि व्यक्तिगत इन्वेस्टर प्रीमार्केट ट्रेड में भाग लेते हैं तो वे निश्चित रूप से वे अनुभवी प्रोफेशनल इन्वेस्टर्स से मुकाबला करने को बाध्य होंगे। यदि इसके बावजूद आपको लगता है कि आप प्रीमार्केट ट्रेड के लिए तैयार हैं तो अपने साथ एक प्रोफेशनल को रखना फायदेमंद हो सकता है।

 

डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है जानकारी देना, न कि इन्वेस्टमेंट के लिए कोई सलाह/टिप्स देना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने या बेचने की सिफारिश करना।

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