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लाभ और हानि बयानों का विश्लेषण कैसे करें ?

4.5

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पिछले अध्याय में हमने प्रॉफ़िट और लॉस स्टेटमेंट को देखा और इसे पढ़ने और समझने की पूरी प्रकिया से गुज़रे। अब जब आप प्रॉफ़िट और लॉस स्टेटमेंट में काम आने वाले सभी शब्द और उनका मतलब जानते हैं तो इस स्टेटमेंट का विश्लेषण करने का यह बिलकुल सही समय है।   

इस सेगमेंट में हम प्रॉफ़िट और लॉस स्टेटमेंट के बारे में गहराई से जानेंगे, और इसका विश्लेषण करने के लिए फाइनेंशल रेशियो का इस्तेमाल करेंगे और इसके साथ ही कंपनी के फाइनेंशल डाटा के बारे में और ज्यादा विस्तार से बात करेंगे। लेकिन हम यह सब करें, उससे पहले एक ज़रूरी बात है जिसे आपको समझना होगा। सिर्फ फाइनेंशल रेशियो से आप कुछ पता नहीं कर सकते है, आपको इन रिशियोज़ की तुलना पिछले साल के रेशियोज़ या समान कंपनी की रेशियोज़ के साथ करनी होगी। इस तुलना से, आप जिस कंपनी का मूल्यांकन कर रहे है उसकी ग्रोथ का पूरा अंदाजा लग जाएगा।

हम यहाँ फिर से, हिंदुस्तानयूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) के वित्तीय वर्ष 2019-2020 के प्रॉफ़िट और लॉस स्टेटमेंट को देखेंगे, ताकि हम सभी रेशियोज़ को अच्छे से समझ सकें। आपके लिए, यहां कंपनी की प्रॉफ़िट और लॉस स्टेटमेंट  की तस्वीर है। 

 

महत्वपूर्ण वित्तीय आंकड़े, रेशियो और उनकी गणना -

क्योंकि बहुत सारे फाइनेंशियल रेशियो होते हैं, इसलिए विशेषज्ञों ने उन्हें चार व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:

  • लाभकारिता/ प्रॉफिटेबिलिटी रेशियो
  • उत्तोलन/ लेवरेज रेशियो
  • मूल्यांकन/ वैल्युएशन रेशियो
  • संचालन/ ऑपरेटिंग रेशियो

वह प्रॉफ़िट एंड लॉस स्टेटमेंट और बैलेंस शीट, दोनों के आंकड़ों का उपयोग करते हैं। इसलिए, हम पहले केवल उन्हीं रेशियो और आंकड़ों को लेंगे जिन्हें आप प्रॉफ़िट एंड लॉस स्टेटमेंट में से गणना कर निकाल सकते हैं।

1 - संचालन आय (ऑपरेटिंग रेवेन्यू)

किसी कंपनी के प्राथमिक कार्यों से होने वाली कमाई को संचालन आय के रूप में जाना जाता है। इससे आपको पता चलता है कि कंपनी अपने व्यवसाय के ज़रिये कितना कमाती है। आप इसकी गणना नीचे दिए गए फ़ॉर्मूले से कर सकते है।

संचालन आय = कुल आय - अन्य आय

एचयूएल के मामले में, उन्होंने ऑपरेटिंग रेवेन्यू को अपने पी एंड एल स्टेटमेंट में दिखाया है जो ₹38,785 करोड़ है।

 

2 - संचालन खर्च (ऑपरेटिंग एक्सपेंस)

संचालन खर्च से पता चलता है कि कंपनी ने अपने व्यवसाय के प्राथमिक कार्यों को करने के लिए कितना खर्चा किया है। आप इसे इस फ़ॉर्मूले की मदद से आसानी से निकाल सकते है –

संचालन खर्च = कुल खर्च- वित्त लागत - विमूल्यन और परिशोधन

आइए, इसे हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट में लागू करते हैं ताकि यह पता चले सके कि चालू वर्ष और पिछले वर्ष के दौरान कितना संचालन खर्चा हुआ था।

एचयूएल का संचालन खर्च (वर्ष 2019-2020 के लिए) = ₹29,185 करोड़

(₹30,229 करोड़- ₹106 करोड़- ₹938 करोड़= ₹29,185 करोड़)

 

एचयूएल का संचालन खर्च (वर्ष 2018-2019 के लिए) = ₹29,587 करोड़।

(₹30,139 करोड़- ₹28 करोड़- ₹524 करोड़)

3 - ब्याज, टैक्स, विमूल्यन और परिशोधन से पहले की कमाई (EBITDA)

EBITDA एक बहुत ही महत्वपूर्ण टर्म है जिसका उपयोग कंपनी के संपूर्ण वित्तीय प्रदर्शन का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह PBT या PAT की तरह नहीं है, जो आपको सिर्फ कंपनी द्वारा कमाए मुनाफे के बारे में बताता है, EBITDA आपको कंपनी के रेवेन्यू कमाने की क्षमता का एक अच्छा आइडिया देता है।

इसके अनुसार, EBITDA जितना अधिक होगा, कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन उतना ही बेहतर होगा। इसकी गणना इस फ़ॉर्मूले का उपयोग करके की जाती है:

EBITDA = टैक्स के बाद मुनाफा(PAT) + टैक्स+ वित्त लागत + विमूल्यन और परिशोधन

एक और फ़ॉर्मूला भी है जिसका उपयोग आप EBITDA की गणना के लिए कर सकते हैं। वह इस प्रकार है :

EBITDA = कुल संचालन आय - कुल संचालन खर्च

चलिए, मौजूदा वर्ष (2019-20-20) में एचयूएल के प्रॉफ़िट और लॉस स्टेटमेंट के EBITDA का पता लगाने के लिए दूसरे फ़ॉर्मूले को लगाते हैं -

एचयूएल का EBITDA (वर्ष 2019-2020 के लिए) = ₹9,600 करोड़ 

(₹38,785 करोड़- ₹29,185 करोड़)

एचयूएल के लिए EBITDA का यह स्टैंडअलोन आंकड़ा ज्यादा मायने नहीं रखता है। यह समझने के लिए कि कंपनी की आय कितनी बढ़ी है, हमें इस आंकड़े की तुलना पिछले वर्ष के आंकड़ों से करनी होगी।

एचयूएल का EBITDA (वर्ष 2018-2019 के लिए) = ₹8,637 करोड़ 

(₹38,224 करोड़- ₹29,587 करोड़)

इन दोनों आंकड़ों की तुलना करने पर, हम देख सकते हैं कि HUL का EBITDA ₹963 करोड़ से बढ़ा है (₹9,600 करोड़- ₹8,637 करोड़), जो एक अच्छा संकेत है।

4 - EBITDA मार्जिन

EBITDA मार्जिन एक उपयोगी फाइनेंशियल रेशियो है जो आपको कंपनी की काबिलियत को मापने में मदद करती है। इस रेशियो से हम यह पता लगा सकते हैं कि कंपनी अपने प्राथमिक कार्यों से कितना कमाती है। इसे प्रतिशत के रूप में बताया जाता है। अगर एक कंपनी का EBITDA मार्जिन बहुत ज्यादा है तो इससे साफ है की कंपनी के मुनाफ़े का एक बड़ा हिस्सा इसके संचालन से आता है। इसका मतलब है कि कंपनी अपने प्राथमिक कार्यों व कंपनी प्रबंधन में काफी कुशल है।

इस फ़ॉर्मूले का उपयोग करके इसकी गणना की जा सकती है:

EBITDA मार्जिन (% में) = (EBITDA፥ कुल बिक्री) x 100

इस फ़ॉर्मूले का उपयोग करके, हम मौजूदा वर्ष के हिंदुस्तान यूनिलीवर के EBITDA मार्जिन का पता लगाने की कोशिश करेंगे। क्योंकि हम पहले से ही EBITDA और एचयूएल की कुल बिक्री के आंकड़े जानते हैं, इसलिए हम उन्हें सीधे फ़ॉर्मूले में रखेंगे।

EBITDA मार्जिन (वर्ष 2019-2020 के लिए) = 25.084%

[(₹9,600 करोड़ ₹38,273 करोड़) x 100]

 

आइए अब पिछले वर्ष के EBITDA मार्जिन की गणना करें।

EBITDA मार्जिन (वर्ष 2018-2019 के लिए) = 22.93% 

[(₹8,637 करोड़ ₹6 37,660 करोड़) x 100]

अगर हम इन दोनों मूल्यों की तुलना करेंगे तो हमे पता चलेगा कि एचयूअल का EBITDA मार्जिन  2.15% बढ़ा है इससे साफ पता चलता है कि कंपनी ज्यादा कुशल हो गई है।

 

5 - प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) मार्जिन 

PAT मार्जिन को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, और यह गणना करने के लिए सबसे सरल फाइनेंशियल रेशियो में से एक है। यह सबसे ज्यादा उपयोगी मार्जिन में से एक है , क्योंकि यह आपको किसी कंपनी के ओवरऑल प्रॉफ़िट या प्रॉफिटेबिलिटी का पता लगाने में मदद करता है। PAT मार्जिन जितना अधिक होगा, कंपनी की लाभकारिता उतनी ही बेहतर होगी।

इस फ़ॉर्मूले का उपयोग करके, आसानी से इस मार्जिन की गणना की जा सकती है: 

PAT मार्जिन (% में) = (पैट ÷ कुल बिक्री) x 100

हिंदुस्तान यूनिलीवर के मामले में, केवल इन दो मूल्यों को एक दूसरे से विभाजित कर देने पर, हम चालू वर्ष के लिए एचयूएल का PAT मार्जिन निकाल सकते हैं।

PAT मार्जिन (वर्ष 2019-2020 के लिए) = 17.60%

[(₹6,738 करोड़ ÷ ₹38,273 करोड़) x 100]

 

आइए देखते हैं कि एक साल में एचयूएल का PAT मार्जिन कितना बढ़ा है।

PAT मार्जिन (वर्ष 2018-2019 के लिए) = 16.022%

[(₹6,036 करोड़ ÷ ₹6 37,660 करोड़) x 100]

 हिंदुस्तान यूनिलीवर की लाभकारिता एक वर्ष में लगभग 1.58% बढ़ी है, जो सराहनीय है। 

6 - इंटरेस्ट कवरेज रेशियो

इसे डेट सर्विस रेशियो के रूप में भी जाना जाता है, इस रेशियो से आप यह पता लगा सकते हैं कि कोई कंपनी कितनी आसानी से अपने कर्ज़ ब्याज का भुगतान कर सकती है। यह रेशियो आपको दिखाता है कि किसी कंपनी द्वारा किए गए कर्ज़ ब्याज भुगतान के हर रुपये के लिए कितना राजस्व उत्पन्न होता है। इंटरेस्ट कवरेज रेशियो जितना बड़ा होगा, उतनी ही सक्षम कंपनी अपना कर्ज़ चुकाने में होगी। रेशियो की गणना के लिए उपयोग किया जाने वाला फॉर्मूला इस प्रकार है:

इंटरेस्ट कवरेज रेशियो= EBIT ÷ वित्त लागत

यहाँ पर EBIT (ब्याज और करों से पहले की आय) = EBITDA - विमूल्यन और परिशोधन

आइए, मौजूदा वर्ष के लिए हिंदुस्तान यूनिलीवर के इंटरेस्ट कवरेज रेशियो का पता लगाएँ।

चूंकि हम पहले से ही EBITDA और विमूल्यन और परिशोधन खर्चों को जानते हैं, इसलिए हम इन मूल्यों को सीधे फ़ॉर्मूला में रख सकते है और EBIT पर पहुंच सकते हैं।

एचयूएल का EBIT(वर्ष 2019-2020 के लिए) = ₹8,662 करोड़

(₹9,600 करोड़- ₹938 करोड़)

एचयूएल का इंटरेस्ट कवरेज रेशियो (वर्ष 2019-2020 के लिए) = 81.72 करोड़

(₹8,662 करोड़ ÷₹ 106 करोड़)

  

81.72 के इंटरेस्ट कवरेज रेशियो का मतलब है कि कंपनी कर्ज़ ब्याज भुगतान के प्रत्येक एक रुपये के लिए 81.72 गुना राजस्व उत्पन्न करती है।

7 - बेचे गए माल की लागत/ कॉस्ट ऑफ गुड्स सोल्ड (COGS)

बेचे गए माल की लागत से मतलब एक कंपनी द्वारा अपने तैयार माल को खरीदने या बनाने में खर्च होने वाली लागत है। COGS में कच्चे माल, लेबर और ऊपरी खर्च या ओवरहेड्स सहित तैयार माल के उत्पादन और अधिग्रहण के लिए किए गए सभी खर्च शामिल हैं। COGS की गणना करने का फॉर्मूला इस प्रकार है:

COGS =  कच्चे माल की लागत+ स्टॉक इन ट्रेड की खरीद की लागत + तैयार माल की खरीद या उत्पादन से जुड़े अन्य खर्च (जैसे बिजली, ईंधन, लाइट और पानी)

हिंदुस्तान यूनिलीवर के संबंध में, वर्तमान वर्ष के लिए COGS इस प्रकार है:

एचयूएल का COGS (वर्ष 2019-2020 के लिए) = ₹18,177 करोड़ 

(₹11,572 करोड़ + Rs. ₹6,342 करोड़ + ₹263 करोड़)

8 - संचालन रेशियो/ ऑपरेटिंग रेशियो 

ऑपरेटिंग रेशियो का उपयोग इसलिए किया जाता है कि कंपनी की संचालन कुशलता का पता लगाया जा सके। यह संचालन खर्च और बिक्री के बीच संबंध स्थापित करता है। आमतौर पर इस रेशियो का उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि एक कंपनी कितनी कुशल है और वह अपनी संचालन लागत को कितना कम रख सकती है। ऑपरेटिंग रेशियो जितनी कम होगी, कंपनी अपनी लागत को कम रखने में उतनी ही सक्षम होगी। इसे राजस्व के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है और इस फ़ॉर्मूले का उपयोग करके इसकी गणना की जा सकती है:

संचालन रेशियो (% में) = [बेचे गए माल की लागत (COGS) + अन्य संचालन खर्च)÷ नेट बिक्री] x 100

आइए इसे हिंदुस्तान यूनिलीवर के आंकड़ों पर लगाएँ ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कंपनी कितनी कुशल है।

एचयूएल के मामले में, हम यह फ़ॉर्मूला लगाते हैं तो –

  • बेचे गए माल की लागत (COGS) = ₹18,177 करोड़ 

  (जैसा कि हमने पहले ही गणना कर ली है)

अन्य संचालन खर्च = ₹11,008 करोड़ 

(₹1,691 करोड़- ₹121 करोड़+ ₹9,701 करोड़- ₹263 करोड़)

इसकी गणना इस प्रकार की जाती है:

कर्मचारी लाभ व्यय + तैयार माल व वर्क-इन-प्रोग्रेस की इनवेंटरी में बदलाव (तैयार स्टॉक-इन-ट्रेड सहित) + अन्य खर्चे (बिजली / ईंधन / प्रकाश / पानी को घटाकर, क्योंकि वह पहले से ही COGS में शामिल हैं )

  • नेट बिक्री = ₹38,273 करोड़ 

नेट बिक्री के मूल्य के लिए, एचयूएल के फाइनेंशियल स्टेटमेंट के नोट 24 पर एक नज़र डालें।

 

इसलिए, एचयूएल का संचालन रेशियो(वर्ष 2019-2020 के लिए) = 76.25%

[(₹18,177 करोड़ + ₹11,008 करोड़)÷₹38,273 करोड़] x 100

इस रेशियो के महत्व की बात करें, तो किसी मैनुफैक्चरिंग कंपनी के लिए 70% से 80% के ऑपरेटिंग रेशियो को आदर्श माना जाता है।

निष्कर्ष

यह वह आंकड़े और रेशियो हैं जिन्हें आप पी एंड एल स्टेटमेंट में दी गई जानकारी का उपयोग करके निकाल कर सकते हैं,  ऐसे भी कई अन्य रेशियोज़ हैं जो आप बैलेंस शीट और पी एंड एल स्टेटमेंट में मौजूद जानकारी को जोड़कर उनकी गणना कर सकते हैं। और इन्हें ही हम अगले अध्याय में सीखेंगे। अब अगले अहम फाइनेंशियल स्टेटमेंट,  बैलेंस शीट को समझने का समय आ गया है। 

अब तक आपने पढ़ा 

  • किसी कंपनी के प्राथमिक कार्यों से प्राप्त होने वाली कमाई को संचालन राजस्व/ आय के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
  • संचालन आय = कुल आय - अन्य आय
  • संचालन खर्च से पता चलता है कि कंपनी ने अपने व्यवसाय के प्राथमिक कार्यों के लिए कितनी लागत लगाई है।
  • संचालन खर्च = कुल खर्च- वित्त लागत - विमूल्यन और परिशोधन
  • EBITDA = टैक्स के बाद मुनाफा(PAT) + टैक्स+ वित्त लागत + विमूल्यन और परिशोधन
  • EBITDA = कुल संचालन आय - कुल संचालन खर्च 
  • EBITDA मार्जिन एक उपयोगी फाइनेंशियल रेशियो है जो आपको कंपनी की कुशलता का आकलन करने में मदद करता है। यह रेशियो दिखाती है कि किसी कंपनी को उसके संचालन से कितना मुनाफा होता है। इसे प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है।
  • EBITDA मार्जिन (% में) = (EBITDA ÷  कुल बिक्री) x 100
  • PAT मार्जिन को प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, और यह गणना करने के लिए सबसे सरल फाइनेंशियल रेशियोज़ में से एक है। यह सबसे उपयोगी रेशियोंज़ में से एक है, क्योंकि यह आपको किसी कंपनी की लाभकारिता निर्धारित करने में मदद करता है।
  • PAT मार्जिन (   % में)= (PAT ÷ कुल बिक्री) x 100
  • इंटरेस्ट कवरेज रेशियो, जिसे डेट सर्विस रेशियो के रूप में भी जाना जाता है, आपको यह पता लगाने की अनुमति देता है कि कोई कंपनी कितनी आसानी से अपने कर्ज़ ब्याज भुगतान का भुगतान कर सकती है। ये रेशियो आपको दिखाता है कि किसी कंपनी द्वारा किए गए ऋण ब्याज भुगतान के प्रत्येक रुपये के लिए कितना राजस्व उत्पन्न होता है।
  • इंटरेस्ट कवरेज रेेशियो = EBIT ÷ वित्त लागत
  • बेचे गए माल की लागत (COGS) एक कंपनी द्वारा अपने तैयार माल की खरीद या निर्माण के लिए खर्च की गई लागत है।
  • COGS = कच्चे माल की लागत+ स्टॉक इन ट्रेड की लागत + तैयार माल की खरीद या उत्पादन के संबंध में अन्य खर्च (जैसे बिजली, ईंधन, लाइट और पानी)
  • ऑपरेटिंग रेशियो का उपयोग कंपनी की संचालन कुशलता निर्धारित करने के लिए किया जाता है। यह संचालन खर्च और बिक्री के बीच संबंध स्थापित करता है।
  • संचालन रेशियो (% में) = [ (बेचे गए माल की लागत (COGS) + अन्य संचालन व्यय) ÷ नेट बिक्री] x 100
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