शुरुआती के लिए मॉड्यूल

वॉल स्ट्रीट और अमेरिकन स्टॉक मार्केट

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अमेरिका का स्टॉक एक्सचेंज

3.3

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स्मार्ट मनी क़े अगले मॉडल में आपका स्वागत है ! पिछले मॉडल्स में, हम इंडियन स्टॉक मार्केट्स कि निट्टी ग्रीटीएस पर फोकस कर रहे थे।  इस मॉडल में, हालाँकि, हम डीप में जानेंगे पैरेलल यूनिवर्स क़े बारे में - अमेरिकन स्टॉक मार्केट्स। अब, आप सोच रहे होंगे कि हम अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों की बारीकियों के बारे में क्यों सोच रहे हैं, राइट ? इसका जवाब यहाँ है। 

क्युकी, इंडियन इन्वेस्टर बनने क़े अलावा , आपकी इन्वेस्टमेंट चोइसस सिर्फ इंडियन स्टॉक मार्केट्स तक ही रिस्ट्रिक्टेड नहीं रहती।  इन फैक्ट , आपके पास अमेरिकन मार्केट्स और इंडिसिस में इन्वेस्ट करने का भी फ्रीडम है।  तो,अमेरिकन स्टॉक मार्केट्स से रिलेटेड ट्रेडिंग डिसिशन लेने में सक्षम होने क़े लिए, अमेरिकी इन्वेस्टिंग के तरीके के बारे में सब कुछ पता होना एसेंशियल है। आप इस बात पे एग्री करते हैं ?

ठीक यही कारण है कि हमने अमेरिकन स्टॉक मार्केट्स के आधार पर एक अलग मॉड्यूल रखा है। इसलिए, अमेरिका के विभिन्न स्टॉक एक्सचेंजों पर एक नज़र डालते हैं ।

हालांकि, ग्लोबल फाइनेंस में यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका सबसे आगे था (और अभी भी है ), मगर दुनिया का सबसे पहला ऑफिसियल स्टॉक एक्सचेंज ओपन करने का ऑनर इस कंट्री क़े पास नहीं है।जबकि, ब्रिटिश ने ये टाइटल छीन लिया।  दुनिया का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज लंदन स्टॉक एक्सचेंज(LSE) था, जो ईयर 1773  में ढूँढा गया था।

ब्रिटिश द्वारा मात देने के लिए तैयार नहीं, अमेरिकियों ने अपना पहला स्टॉक एक्सचेंज - फिलाडेल्फिया स्टॉक एक्सचेंज (PHLX) - वर्ष 1790 में बनाया। उन्होंने जल्दी से एक दूसरे एक्सचेंज कि शुरुआत करि - न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ( एनवाईएसई) - वर्ष 1792 में।

हालांकि फिलाडेल्फिया स्टॉक एक्सचेंज पहले था, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज कुछ सालों में इसे पार करने में कामयाब रहा। तब से, NYSE दुनिया में सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

यहाँ एक बहुत ही दिलचस्प ख़बर है। एनवाईएसई पहली बार वॉल स्ट्रीट पर एक बटनवुड पेड़ की शांत छाया में ब्रोकर्स के एक समूह द्वारा किया गया था। हां, आपने उसे सही पढ़ा है। वह प्रसिद्ध पेड़ वॉल स्ट्रीट में स्थित था, जिसे दुनिया का अब फाइनेंसियल एपिसेंटर कंसीडर किया जाता है ।  एन वाई एस ई को एस्टब्लिश करने क़े लिए जिस एग्रीमेंट को ब्रोकर्स और मर्चेंट्स ने मिलकर सिग्न किया उन्होंने यह नाम इस फेमस ट्री से बोर्रो किया , और वह बटनवुड एग्रीमेंट से जाना जाने लगा।

रास्ते में कई अन्य एक्सचेंजों के पॉप अप होने के बावजूद, एन वाई एस ई का शीअर डोमिनान्स कई डेक़ेडस तक उन्चल्लेंजेड रहा उसके इन्सेप्शन तक। जो था, साल 1971।  इस समय में एक दूसरा चैलेंजर अमेरिकन मार्केट्स में आया - द नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड क्वोटेशन सिस्टम (नैस्डेक)  अपनी शुरुआत के बाद से, नैस्डैक काफी बढ़ गया है और अब इसे NYSE के लिए एक वर्थी कॉम्पिटिटर माना जाता है।

अमेरिका में मेजर स्टॉक एक्सचैंजेस 

अब, हिस्ट्री काफी हो गयी है, अब प्रेजेंट में फ़ास्ट फॉरवर्ड करते हैं।  अभी, अमेरिका में 2 मेजर स्टॉक एक्सचैंजेस हैं और आप दोनों से इंट्रोड्यूस हो चुके हैं - द नई यॉर्क एक्सचेंज (NYSE) और द नेशनल अस्ससिअशन ऑफ़ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड क्वोटेशन सिस्टम (नैस्डेक)। यहाँ दोनों क़े बारे में कुछ और इनफार्मेशन दी गयी है।

न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज  (NYSE)

जैसा कि आपने पहले पढ़ा था, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज सिर्फ यू एस ए का नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।  फेब्रुअरी 2021 तक इसके एक्सचेंज कि टोटल मार्किट कैपिटलाइजेशन $26.23 ट्रिलियन है। यहाँ एक और इंटरेस्टिंग बात है । एन वाई एस इ कि टोटल मार्किट कैप इतनी ज़्यादा है कि वह लंदन, टोक्यो और नैस्डेक एक्सचैंजेस क़े मार्किट कैप को मिलाने पर भी एक्ससीड करती है।

जब NYSE कि शुरुआत हुई थी, इन्होने ओपन आउटक्राई सिस्टम को फॉलो किया।  हालांकि, समय क़े साथ रहने क़े लिए, उन्होंने एक्सचेंज को ट्रेडिंग क़े इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में ट्रांजीशन कर दिया। और अब, NYSE क़े 80 % से ज़्यादा टोटल ट्रांसक्शन्स इलेक्ट्रॉनिक मोड से होते हैं, एक्सचेंज ने फिजिकल ट्रेडिंग क़े लिए भी फ्लोर ओपन किया हुआ है।  फैक्ट कि बात यह है , NYSE का फिजिकल ट्रेडिंग फ्लोर आज भी काफी एक्शन में रहता है, जिसमे बौहौत सारे  बल्क ट्रेड्स और इंस्टीटूशनल ट्रेडिंग होती हैं।

इंडियन स्टॉक एक्सचैंजेस कि तरह, NYSE  भी मंडे से फ्राइडे तक ऑपरेट होता है।  एक्सचेंज ट्रेडिंग क़े लिए 9.30 AM (EST) पर ओपन होता है और 4.00 AM (EST) पर बंद होता है, जो ट्रांसलेट होता है  8.00 PM (IST) और  2.30 AM (IST)।

नेशनल  एसोसिएशन  ऑफ़  सिक्योरिटीज  डीलर्स  ऑटोमेटेड  क्वोटेशन  सिस्टम  (Nasdaq)

जबकि NYSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) कि तरह अमेरिकन कॉउंटरपार्ट है , नैस्डैक में हमारे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के साथ बौहौत समानताएं हैं। NYSE के विपरीत, नैस्डेक में कोई फिजिकल ट्रेडिंग फ्लोर नहीं है और वह पूरा इलेक्ट्रॉनिक है , NSE कि तरह ।

हालाँकि, NYSE  क़े पास सबसे बड़ा मार्किट कैपिटलाइजेशन है, नैस्डेक क़े पास ज़्यादा कम्पनीज लिस्ट होने का डिस्टिंक्शन है।  और उसके साथ, एक्सचेंज क़े पास दुनिया का सबसे बड़ा कम्प्लेटली इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक मार्किट होने का भी ऑनर है।  इसके मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोप्रिएटरी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स, और लोअर लिस्टिंग फीस इसकी कुछ प्रमुख बातें है जो नैस्डेक को इन्वेस्टर्स और लिस्टेड कम्पनीज क़े बीच काफी पॉपुलर बनाती है।

नेशनल एसोसिएशन ऑफ सिक्योरिटीज डीलर्स (NASD) द्वारा निर्मित, नैस्डैक में लिस्टिंग की आवश्यकताओं और नियमों में अधिक आराम है।यह एक्सचेंज को काफी फवौराबले डेस्टिनेशन बनाती है स्टार्टअप्स और दूसरी नसकेंत कम्पनीज जो कैपिटल क़े लिए एक्सेस गेन करना चाहती  हैं।  नैस्डेक में भी NYSE कि तरह शामे ओपनिंग और क्लोजिंग टाइम्स होते हैं।

NYSE और नैस्डैक संयुक्त राज्य अमेरिका में उपलब्ध एकमात्र स्टॉक एक्सचेंजों से बहुत दूर हैं, हालांकि ये दोनों प्राथमिक हैं जिन्हें आपको भारतीय निवेशक के रूप में अमेरिकी शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए चिंतित होना चाहिए, साथ ही कई अन्य छोटे एक्सचेंज भी हैं जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। इन्हें नीचे देखें।

फिलाडेल्फिया स्टॉक एक्सचेंज (PHLX)

बोस्टन स्टॉक एक्सचेंज (BSE) - दोनों बोस्टन इक्विटी एक्सचेंज (BEX) और बोस्टन विकल्प एक्सचेंज (BOX) शामिल हैं

शिकागो स्टॉक एक्सचेंज (CHX)

शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (सीएमई) - दुनिया का सबसे बड़ा कमोडिटी डेरिवेटिव्स एक्सचेंज

शिकागो बोर्ड विकल्प विनिमय (CBOE)

शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT)

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति विनिमय (ISE) - इसमें ISE विकल्प एक्सचेंज और ISE स्टॉक एक्सचेंज दोनों शामिल हैं

मियामी स्टॉक एक्सचेंज (MS4X)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSX)

रैपिंग अप

आशा है कि आपको अमेरिका में डिफरेंट स्टॉक एक्सचैंजेस का एक फेयर आईडिया हुआ होगा।  अगले चैप्टर में, हम डिफरेंट अमेरिकन स्टॉक एक्सचैंजेस और उनके सिग्नीफिकेन्स पर फोकस करेंगे , जब तक , हमारे साथ बने रहिये !

एक क्विक रिकैप

  • द फ़िलेडैल्फ़िया  स्टॉक  एक्सचेंज  (PHLX), साल 1790 में सेटअप हुआ था, अमेरिका का पहला स्टॉक एक्सचेंज था।    
  • यह दूसरी एक्सचेंज द्वारा क्विकली फॉलो किया गया - द न्यू यॉर्क एक्सचेंज (NYSE) - साल 1792  में। 
  • हालाँकि द फ़िलेडैल्फ़िया स्टॉक एक्सचेंज पहला था, द न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने उसको कुछ सालों में ही सर्पास करना मैनेज किया ।  
  • रास्ते में कई अन्य एक्सचेंजों के पॉप अप होने के बावजूद, NYSE का शेयर डोमिनान्स कुछ डेक़ेडस  तक अंचलजेड चलता रहा उसके इन्सेप्शन तक।  जो था , साल 1971  तक , जब द नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ सिक्योरिटीज डीलर्स ऑटोमेटेड क्वोटेशन सिस्टम (नैस्डेक) लांच हुआ था।    
  • द न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) सिर्फ यू एस ए का नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। 
  • इंडियन स्टॉक एक्सचैंजेस क़े साथ, NYSE भी मंडे से फ्राइडे तक ऑपरेट होता है।  एक्सचेंज ट्रेडिंग क़े लिए 9.30 AM (EST) पर ओपन होता है और 4.00 AM (EST) पर क्लोज होता है, जो एफ्फेक्टिवेली ट्रांसलेट होता है 8.00 PM (IST) और 2.30 AM (IST) से। 
  • NYSE क़े विपरीत, नैस्डेक क़े पास फिजिकल ट्रेडिंग फ्लोर नहीं है और वह कम्प्लीटली इलेक्ट्रॉनिक है , NSE कि तरह।  
  • हालाँकि NYSE क़े पास लार्जर मार्किट कैपिटलाइजेशन है, द नैस्डेक क़े पास ज़्यादा कम्पनीज लिस्टेड होने का डिस्टिंक्शन है।  
  • उसके साथ, नैस्डेक क़े पास दुनिया का लार्जेस्ट कम्प्लीटली इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक मार्किट होने का भी ऑनर है।  
  • नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ सिक्योरिटीज डीलर्स क़े द्वारा बानी हुई , नैस्डेक भी NYSE कि तरह सेम ओपनिंग और क्लोजिंग टाइम को फॉलो करता है।
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