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डिजिटल भुगतान
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भारतीय डिजिटल भुगतान उद्योग का भविष्य
भारत में डिजिटल भुगतान उद्योग ने तेज़ी से वृद्धि की है| वर्ष 2019 में डिजिटल भुगतान में खुदरा वृद्धि वित्तीय वर्ष 2014-2015 की तुलना में 10 गुना अधिक थी। जब भारत में डिजिटल भुगतान को अपनाने की बात आती है, तो हम चीन और कुछ अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं को पछाड़ने में सफल रहे हैं।
भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 19 से लेकर वित्त वर्ष 21 तक केवल तीन वर्षों में डिजिटल लेनदेन में लगभग 90% की वृद्धि हुई। ACI वर्ल्डवाइड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में भारत ने करीब 25.5 अरब रियल टाइम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया था, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा था।
जबकि दूसरे स्थान चीन का रहा जिसने लगभग 15.7 बिलियन रीयल-टाइम ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन किया। हमने लगभग 10 अरब अतिरिक्त ट्रांज़ैक्शन करके चीन को पीछे छोड़ दिया।
भारत में डिजिटल भुगतान के भविष्य को आकार देने वाले रुझान (trends)
भारत में बैंक रहित और आर्थिक रूप से निरक्षर उपभोक्ताओं के बावजूद डिजिटल भुगतान में यह उल्लेखनीय वृद्धि हुई| जिस प्रकार भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार देश में हर एक व्यक्ति के वित्तीय समावेशन की दिशा में काम कर रहे हैं, डिजिटल भुगतान के बेहतरीन विकास की संभावना है।
भारत में डिजिटल भुगतान के भविष्य के बारे में बात करते हुए, ऐसे कई ट्रेंड्स हैं जिन्होंने भुगतान परिदृश्य को प्रेरित किया है| यहां कुछ प्रमुख ट्रेंड्स का संक्षिप्त विवरण दिया गया है, जो भारत में डिजिटल भुगतान के भविष्य को आकार दे रहे हैं|
- UPI का बढ़ता प्रचलन
UPI ने देश में डिजिटल भुगतान की एक क्रांति ला दी| अकेले वर्ष 2021 में, UPI ट्रांज़ैक्शन रु 73 ट्रिलियन रहा। और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अधिकांश ट्रांज़ैक्शन टियर 1 शहरों से किए गए थे, UPI की क्षमता का पता चलता है।
UPI ट्रांज़ैक्शन की संख्या के संदर्भ में, वर्तमान में, टियर 2 शहर केवल मामूली योगदान दे रहे हैं, टियर 3 शहर इससे भी कम हैं। हालांकि, यह सब भविष्य में बदलने की संभावना है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों, टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्मार्टफोन अपनाने की दर और इंटरनेट तक पहुंच मजबूत हो जाती है। जैसे-जैसे स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच गहरी हो रही है, इन क्षेत्रों के अधिक से अधिक लोग अपनी भुगतान आवश्यकताओं के लिए यूपीआई की ओर आकर्षित हो सकते हैं।
- संपर्क रहित भुगतान
यूपीआई की तरह, एक और ट्रेंड जो भारत में डिजिटल भुगतान के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं, वह है संपर्क रहित भुगतान प्रणाली। वर्तमान में, क्रेडिट और डेबिट कार्ड एक स्मार्ट चिप के साथ-साथ एक NFC (नियर फील्ड कम्युनिकेशन) चिप से लैस हैं।
NFC चिप के ज़रिए आप अपने कार्ड को NFC-enabled Point of Sale (POS) terminal के पास लाकर भुगतान कर सके हैं| संपर्क रहित भुगतान के साथ, आपको अपना कार्ड व्यापारी को नहीं देना होगा या लेन-देन को प्रमाणित करने के लिए कोई पिन दर्ज नहीं करना होगा। निकट भविष्य में, संपर्क रहित भुगतान समाधान की बढ़ोतरी की संभावना है।
Buy Now Pay Later (BNPL) की बढ़ती लोकप्रियता
Buy Now Pay Later (BNPL) यानी अभी खरीदें और बाद में भुगतान करें| ये डिजिटल भुगतान उद्योग में एक नया और उभरता हुआ चलन है। इसमें आप उत्पादों और सेवाओं के लिए तुरंत भुगतान कर सकते हैं वो भी बिना लॉग इन किए या किसी भी वित्तीय विवरण को दर्ज किए बिना। और आप बाद में समय पर आपके द्वारा उपयोग की गई राशि को चुकाने का विकल्प चुन सकते हैं। BNPL न केवल सुविधा बढ़ाता है, बल्कि पूरी खरीद प्रक्रिया को गति भी देता है।
इसके अतिरिक्त, आपको कई भुगतानों के बजाय अपनी सभी खरीदारी के लिए केवल एक ही consolidated पेमेंट करना होगा। Lazy Pay भारत की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान कंपनियों में से एक है जो Buy Now Pay Later segment में काम कर रही है। हाल ही में, बीएनपीएल को अपनाने में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिसके निकट भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है।
- cross-border and cross-currency payments में बढ़ोतरी
भारतीय भुगतान परिदृश्य में cross-border और cross-currency payments की आश्चर्यजनक प्रवृत्ति देखी जा रही है। cross-border e-commerce transactions से पता चलता है कि बड़ी संख्या में व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों और ई-कॉमर्स वेबसाइटों से उत्पाद खरीदना पसंद कर रहे हैं। जैसे-जैसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं के बीच व्यापार मजबूत होता है, cross-border and cross-currency payments की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।
- ई-कॉमर्स का Dominance
COVID-19 महामारी और आगामी लॉकडाउन के दौरान, भारतीयों ने पहले से कहीं अधिक ऑनलाइन शॉपिंग और ई-कॉमर्स का सहारा लिया। ई-कॉमर्स ट्रैफ़िक और ऑर्डर में इतनी अधिक वृद्धि हुई कि पारंपरिक ईंट और मोर्टार स्टोर भी ऑनलाइन स्टोरफ्रंट खोलने के बारे में सोचने लगे हैं, जिससे व्यक्ति अपने ऑर्डर ऑनलाइन कर सकते हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अब छोटे डिपार्टमेंटल स्टोर और किराना स्टोर भी ई-कॉमर्स सेगमेंट में भाग ले सकते हैं, डिजिटल भुगतान तरीकों के साथ-साथ अगले कुछ दशकों में ऑनलाइन शॉपिंग के हावी होने की संभावना है।
समापन
यदि उपरोक्त ट्रेंड भारत में डिजिटल भुगतान के विकास को बढ़ावा देते हैं, तो वह समय दूर नहीं जब डिजिटल भुगतान शीर्ष पर पहुंच जाएगा| इसके साथ, हम डिजिटल भुगतान पर इस मॉड्यूल के अंत में आ गए हैं। अगले मॉड्यूल में, हम फिनटेक की अवधारणा को समझने की कोशिश करेंगे।
ए क्विक रीकैप
- वर्ष 2019 में डिजिटल भुगतान में खुदरा वृद्धि वित्तीय वर्ष 2014-2015 की तुलना में 10 गुना अधिक थी।
- FY19 से लेकर FY21 तक केवल तीन वर्षों में डिजिटल लेनदेन में लगभग 90% की वृद्धि हुई।
- एसीआई वर्ल्डवाइड की रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में भारत ने करीब 25.5 अरब रियल टाइम ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया था, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा था।
- भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार देश में हर एक व्यक्ति के वित्तीय समावेशन की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे डिजिटल भुगतान परिदृश्य के बेहतरीन विकास की संभावना है।
UPI का बढ़ता प्रचलन, संपर्क रहित भुगतान, Buy Now Pay Later models, cross-border payments, और ई-कॉमर्स खरीदारी जैसे कई ट्रेंड भुगतान परिदृश्य के संभावित प्रेरक कारक बन रहे हैं।
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