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टैक्स की बचत
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आईटी अधिनियम के अन्य वर्गों के बारे में जानने के लिए चीजें
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हमने देखा है कि धारा 80सी का उपयोग करके हम टैक्स कैसे बचा सकते हैं, लेकिन क्या इतना ही काफी है?
क्या धारा 80सी के अलावा करों को बचाने का कोई और तरीका नहीं है?
ज्यादातर लोग आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये की कर कटौती का दावा करने के बारे में जानते हैं। सही कर-बचत निवेश ज्यादातर करदाताओं, जैसे वेतनभोगी व्यक्तियों और पेशेवरों को कर बचाने में मदद करते हैं। इस धारा के तहत कर लाभ का दावा करने के कुछ विकल्पों में जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, ईपीएफ और कर-बचत फिक्स्ड डिपोजिट शामिल हैं। हालांकि टैक्स प्लानिंग सेक्शन 80सी से कहीं बढ़कर है जो आपको अपनी टैक्स देनदारी को कम करने में मदद करेगी।
इस अध्याय के ज़रिए आपको स्मार्ट टैक्स सेवर में बदलने के लिए चलिए, धारा 80सी के अलावा अन्य कर-बचत विकल्पों पर एक नजर डालते हैं।
1. धारा 80सीसीडी: राष्ट्रीय पेंशन योजना
धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये के योगदान से परे आप एनपीएस में अतिरिक्त ₹50,000 का निवेश कर सकते हैं, जिसे धारा 80 सीसीडी के तहत कर कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है। यह आपको एनपीएस में निवेश करके हर साल 2 लाख रुपये तक की कर कटौती का दावा करने का विकल्प देता है।
2. धारा 80डी: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान
आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत आप अपने परिवार के सदस्यों और अपने स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर कटौती का दावा कर सकते हैं। यह सेक्शन आपको अपने पति या पत्नी और अपने बच्चों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर, प्रति वर्ष ₹25,000 की अधिकतम कटौती का दावा करने की अनुमति देता है। अगर आप अपने माता-पिता के लिए चिकित्सा बीमा प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं तो आप ₹25,000 की अतिरिक्त कटौती के योग्य हैं और आपकी कुल कटौती ₹50,000 हो जाती है।
इसके अलावा अगर व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से कम है और माता-पिता की उम्र 60 साल से अधिक है तो इस धारा के तहत अधिकतम छूट की सीमा ₹75,000 है। अगर स्वयं वह व्यक्ति और उसके माता-पिता दोनों 60 वर्ष से अधिक के हैं तो इस धारा के तहत कुल ₹1,00,000 का दावा किया जा सकता है।
प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप पर खर्च की गई राशि भी धारा 80डी के तहत कटौती के लिए योग्य है। माता-पिता सहित, स्वयं व परिवार के लिए इसकी अधिकतम सीमा ₹5,000 है।
3. धारा 80ई: शिक्षा ऋण का पुनर्भुगतान
स्वयं, पति या पत्नी, बच्चों, या किसी भी छात्र, जिनके आप कानूनी अभिभावक हैं उनके शिक्षा ऋण के लिए ब्याज के रूप में भुगतान की गई राशि को इस धारा के तहत कर कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है। एक वित्तीय वर्ष में भुगतान किए गए ब्याज को कटौती के रूप में दावा करने की कोई सीमा नहीं है। आप उस वर्ष से कटौती का दावा कर सकते हैं जब आप अगले सात वर्षों तक या कुल ब्याज का भुगतान करने तक शिक्षा ऋण चुकाना शुरू कर देते हैं।
इसके अलावा इस कर कटौती का दावा केवल तभी किया जा सकता है जब ऋण एक अनुमोदित वित्तीय संस्थान से लिया जाता है ना कि किसी भी परिवार के सदस्य या दोस्तों से। यह केवल उच्च शिक्षा के लिए लिए गए ऋण पर मान्य है।
4. धारा 24: होम लोन का ब्याज भुगतान
करदाता आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत, होम लोन के ब्याज के अंश के रूप में भुगतान की गई राशि को कर कटौती के रूप में क्लेम कर सकते हैं। इस धारा के तहत अधिकतम सीमा 2 लाख रुपये है जिसे स्व-अधिकृत प्रॉपर्टी के लिए होम लोन के ब्याज भुगतान के रूप में उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, अगर आप प्रॉपर्टी पर अधिकार नहीं रखते और वह किराए पर है तो अधिकतम सीमा नहीं है और आप कर कटौती के रूप में पूरी ब्याज राशि का लाभ उठा सकते हैं।
5. धारा 80ईई: पहली बार खरीदारों के लिए होम लोन का ब्याज भुगतान
अगर आप किसी अन्य हाउस प्रॉपर्टी के मालिक नहीं है यानी पहली बार घर खरीद रहे हैं तो आप धारा 80ईई के तहत ₹50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। यह राशि धारा 24 के तहत होम लोन के ब्याज की अदायगी के लिए 2 लाख रुपये के कर लाभ से अलग है।
इस कटौती का लाभ उठाने की शर्तों में यह शामिल है कि मकान का मूल्य 50 लाख रुपये से कम होना चाहिए, साथ ही ऋण राशि 35 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए। इसके अलावा होम लोन को 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच मंजूर किया जाना चाहिए।
6. धारा 80ईईए: पहली बार खरीदारों के लिए होम लोन का ब्याज भुगतान
अगर आपके पास किसी अन्य हाउस प्रॉपर्टीका स्वामित्व नहीं है (पहली बार घर खरीद रहे हैं), तो आप धारा 80ईईए के तहत ₹1,50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। यह राशि धारा 24 के तहत होम लोन के ब्याज की अदायगी के 2 लाख रुपये के कर लाभ से अलग है।
इस कटौती का लाभ उठाने की शर्तों में यह शामिल है कि घर की स्टैम्प ड्यूटी 45 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इसके अलावा होम लोन को 1 अप्रैल 2019 और 31 मार्च 2020 के बीच स्वीकृत किया जाना चाहिए।
7. धारा 80 ईईबी: इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद के लिए लिए गए ऋण पर दिया गया ब्याज
अगर आपने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ऋण लिया है तो आप धारा 80ईईबी के तहत ₹1,50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
इस कटौती का लाभ उठाने की शर्तें यह है कि ऋण 1 अप्रैल, 2019 और 31 मार्च, 2023 के बीच स्वीकृत किया जाना चाहिए।
8. धारा 80 जी: धर्मार्थ संस्थानों को दान
सरकार द्वारा अनुमोदित धर्मार्थ संस्थानों में किए गए दान को इस धारा के तहत कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है। दान मंदिर, मस्जिद और चर्च जैसे पूजा स्थल के नवीनीकरण के लिए हो सकता है और वो केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित होने चाहिए। इस धारा के तहत कर कटौती का लाभ उठाने के लिए, आपको चेक द्वारा दान करना चाहिए, क्योंकि यह ₹2,000 से अधिक के नकद दान कटौती के रूप में योग्य नहीं हैं। सरकार द्वारा अनुमोदित कुछ फंडों में राष्ट्रीय रक्षा कोष, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, स्वच्छ गंगा निधि, राष्ट्रीय बाल कोष, आदि शामिल हैं।
9. धारा 80जीजी: आवास के लिए किराए का भुगतान
यह कटौती केवल तभी क्लेम की जा सकती है जब आपको अपने वेतन के हिस्से के रूप में मकान किराया भत्ता (एचआरए) नहीं मिलता हो, या आप एक सेल्फ एमप्लोयड व्यक्ति हैं। इस कटौती का लाभ उठाने के लिए आपको फॉर्म 10बीए जमा करना होगा। आप इस सेक्शन के तहत ₹60,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
10. धारा 80टीटीए: बचत बैंक खाते से ब्याज
यह कटौती बैंकिंग कंपनी, डाकघर या बैंकिंग के व्यवसाय से जुड़ी सहकारी समिति में मौजूद बचत बैंक खाते से प्राप्त ₹10,000 तक की ब्याज आय पर क्लेम की जा सकती है।
11. धारा 80टीटीबी: वरिष्ठ नागरिकों के मामले में जमा राशि से ब्याज
वरिष्ठ नागरिकों द्वारा बैंक, पोस्ट ऑफिस या सहकारी बैंक में जमा राशि से प्राप्त ब्याज आय के संबंध में ₹50,000 तक की कटौती का दावा किया जा सकता है।
12. धारा 54: आवासीय घर की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ
यह छूट एक व्यक्तिगत या एचयूएफ को एक आवासीय घर की बिक्री पर लाभ (जो उसके पास 24 महीने से अधिक समय के हो) और बिक्री की तारीख से दो साल पहले या दो साल बाद उस लाभ से एक नया आवासीय घर खरीदने के लिए उपलब्ध है है। यह मूल घर की बिक्री की तारीख या उससे 3 साल के भीतर एक नए घर के निर्माण पर लागू रहती है।
13. धारा 54ईसी: भूमि, भवन या दोनों की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ
यह छूट दीर्घकालिक पूंजीगत संपत्ति यानी भूमि या भवन या फिर दोनों की बिक्री से लाभ और उस लाभ को एनएचएआई या आरईसी के बॉन्ड या केंद्र सरकार द्वारा अन्य निर्दिष्ट बॉन्ड में निवेश पर उपलब्ध है। यह निवेश मूल संपत्ति की बिक्री की तारीख से 6 महीने के अंदर होना चाहिए और इस धारा में अधिकतम छूट 50 लाख रुपये है।
14. धारा 54 एफ: आवासीय घर के अलावा अन्य पूंजीगत संपत्ति की बिक्री पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ
यह छूट एक व्यक्तिगत या एचयूएफ को एक आवासीय संपत्ति (जो कि 24 महीने से अधिक के निर्धारिती के पास रहती है) के अलावा किसी अन्य संपत्ति की बिक्री पर लाभ और उस लाभ से एक वर्ष के अंदर एक नए आवासीय घर की खरीद-बिक्री या मूल घर की बिक्री की तारीख के दो साल बाद या फिर मूल घर की बिक्री की तारीख से 3 साल के भीतर एक नए घर का निर्माण के लिए उपलब्ध है।
कर योजना एक स्थिर वित्तीय जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए उपलब्ध कर कटौती की जानकारी आपको हर वित्तीय वर्ष में अपनी आयकर देनदारी को कम करने और बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में मदद कर सकती है। कर-बचत के ये विकल्प अगर धारा 80सी के तहत सीमा समाप्त करने के बाद उपयोग किए जाते हैं, तो आपको कटौती, छूट और लाभों के माध्यम से कर देनदारी को निवेश और कम करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
अब जब आप आईटी ऐक्ट के अन्य अनुभागों के बारे में जान गए हैं तो अब हम अगले विषय पर आगे बढ़ते हैं- निवेशकों के लिए बाजार और कर निर्धारण। इसके बारे में और पढ़ने के लिए अगले अध्याय पर जाएं।
अब तक आपने पढ़ा
- सही टैक्स-सेविंग निवेश ज्यादातर कर दाता जैसे वेतनभोगी और पेशेवरों को टैक्स बचाने में मदद करते हैं।
- कर योजना स्थिर वित्तीय जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है।
- इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद के लिए आप धारा 80ईईबी के तहत ₹1,50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
- पहली बार घर लेने वाले धारा 80ईईए के तहत ₹1,50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
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