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डेब्ट और सिक्योरिटीज

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विभिन्न प्रकार के डेब्ट फंड्स क्या होते हैं ?

3.9

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डेब्ट फंड्स कॉम्प्लेक्स इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस हैं, कांप्लेक्स इसलिए नहीं कि वह समझने में कठिन है बल्कि इसलिए क्योंकि यह कई तरह के एसेट्स में इन्वेस्ट करते हैं और नेचुरली जहां कहीं पर भी मिक्स होता है वहां पर कई पॉसिबल कांबिनेशंस हो सकते हैं, है ना? तो इस प्रकार कई प्रकार के डेब्ट फंड्स बनते हैं

इन प्रकारों को जानना इंटरेस्टिंग है क्योंकि यह डिफरेंट पैरामीटर्स पर बेस्ड होते हैं जैसे कि उनका कोर इन्वेस्टमेंट, होल्डिंग का पीरियड, इंटरेस्ट का नेच,र और इनका डिफरेंट इन्वेस्टर प्रोफाइल्स के लिए सूटेबल होना

मोटे तौर पर डेब्ट फंड्स आपके लिए जनरली एक अच्छा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हो सकता है अगर आप कंजरवेटिव इन्वेस्टर हैं हालांकि जो क्लासिफिकेशंस दिया गया है उसके अंतर्गत कुछ डेब्ट फंड आपके लिए दूसरों से ज्यादा सूटेबल हो सकते हैं वास्तव में अलग-अलग लगभग 11 प्रकार के  डेब्ट फंड होते हैं

तो बिना किसी देरी के चलिए इस जानकारी को समझते हैं

डेब्ट फंड्स के प्रकार

यहां पर डिफरेंट टाइप्स के डेट फंड्स के बारे में गहन जानकारी दी गई है   

1. लिक्विड फंड:

जैसा कि नाम से समझ आता है लिक्विड फंड्स इन डेब्ट  इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं जो नेचर में हाईली लिक्विड होते हैं. जनरली लिक्विड फंड्स का मेच्योरिटी पीरियड बहुत ही कम होता है लगभग 91 दिन का और लिक्विड होने के साथ-साथ यह फंड्स  बहुत ही लो अमाउंट के रिस्क के साथ सुरक्षित भी होते हैं. कोलैटरलाइज्ड लैंडिंग एंड बौरोइंग ऑब्लिगेशंस(CBLOs), सर्टिफिकेट आफ डिपॉजिट(CD), ट्रेजरी बिल्स(T-bills) एंड कमर्शियल पेपर(CP)  यह वह कुछ इंस्ट्रूमेंट है जिनमें यह फंड इन्वेस्ट करते हैं लिक्विड फंड्स के बारे में और डिटेल्स में हम अगले चैप्टर में जानेंगे 

इनका आईडेंटिफाइंग  फीचर क्या है

इनका मेच्योरिटी पीरियड 91 दिन से कम होता है

किसके लिए सूटेबल है?

ऐसे इन्वेस्टर्स जो सेविंग बैंक अकाउंट का अल्टरनेट ढूंढ रहे हैं

2. अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड:

अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड मनी मार्केट और दूसरे डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट करते हैं जिनका मेच्योरिटी पीरियड 1 साल से कम होता है हालांकि यह लिक्विड फंड्स की तरह उतने लो रिस्क नहीं होते लेकिन अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड लो रिस्क लेकर आते हैं और वह लिक्विड फंड्स से थोड़ा ज्यादा रिटर्न ऑफर करते हैं.

इनका आईडेंटिफाइंग  फीचर क्या है?

Maturity period of less than one year

किसके लिए सूटेबल है?

ऐसे इन्वेस्टर्स के लिए जो सर प्लस मनी में इन्वेस्ट करने के लिए ऑप्शन ढूंढ रहे हो

3. शॉर्ट टर्म फंड्स:

वह फंड्स जो ऐसे इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करते हैं जिनका मेच्योरिटी पीरियड 1 साल से 3 साल के बीच में आता है उन्हें सामान्यतया शॉर्ट टर्म फंड्स कहा जाता है ऐसा मानते हैं कि ज्यादातर शॉर्ट टर्म फंड्स 1 साल के अंदर ही मेच्योर हो जाते हैं इन फंड्स को अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड और लॉन्ग टर्म फंड्स के बीच में पोजीशन किया जाता है

इनका आईडेंटिफाइंग  फीचर क्या है?

इनका मेच्योरिटी पीरियड 1 साल से 3 साल के बीच में रेंज करता है

किसके लिए सूटेबल है?

ऐसे इन्वेस्टर्स जो बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट्स का अल्टरनेट ढूंढ रहे हो

4. लोंग टर्म फंड्स:

लोंग टर्म फंड्स ज्यादातर मीडियम से लोंग ड्यूरेशन इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करते हैं जिनका मेच्योरिटी पीरियड 3 साल से 10 साल की रेंज में आता है ऐसे फंड्स तब अच्छा प्रदर्शन करते हैं जब देश की इंटरेस्ट रेट में गिरावट आती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंटरेस्ट रेट और फण्ड की एनएवी इन्वर्सली कोरिलेटेड होते हैं

इनका आईडेंटिफाइंग  फीचर क्या है?

इनका मेच्योरिटी पीरियड 3 साल से 10 साल के बीच की रेंज में आता है 

किसके लिए सूटेबल है?

उन इन्वेस्टर्स के लिए परफेक्ट है जो लॉन्ग इन्वेस्टमेंट हॉरिजोन के बारे में सोच रहे हो

5. फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान्स (FMPs):

फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लांस बेसिकली क्लोज एंडेड डेब्ट म्युचुअल फंड से जो एक फिक्स्ड मेच्योरिटी डेट के साथ आते हैं यह टर्म डिपॉजिट्स के लगभग बराबर है यह फंड्स टिपिकली प्रेडिटरमाइंड मेच्योरिटी पीरियड वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करते हैं जोकि फंड के पीरियड ऑफ मैच्योरिटी से थोड़ा कम होती है मेच्योरिटी के दौरान फंड को प्रेजेंट(NAV) के आधार पर ऑटोमेटिकली रीडीम  कर लिया जाता है और इन्वेस्टर्स को लौटा दिया जाता है हालांकि यह क्लोज एंडेड फंड हैं, (FMPs) को  स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किया जाता है और इन्हें आपकी लिक्विड रिक्वायरमेंट्स को पूरा  करने के लिए बेचा भी जा सकता है

इनका आईडेंटिफाइंग  फीचर क्या है?

मैच्योरिटी 30 दिन से 60 महीनों के बीच की रेंज में होती है

किसके लिए सूटेबल है? 

ऐसे इन्वेस्टर्स जो बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट्स का अल्टरनेट ढूंढ रहे हो

6. गिल्ट फंड्स:

गिल्ट शब्द सरकारी सिक्योरिटी के संदर्भ में है। इंसान को केवल गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है। क्योंकि सभी इंस्ट्रूमेंट गवर्नमेंट द्वारा इशू  किए जाते हैं इसलिए इसमें किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं होता है। इंफ्ज की मार्केट वैल्यू देश में इंटरेस्ट रीट के अकॉर्डिंग शिफ्ट हो सकता है।

एग्जांपल के तौर पर यदि इंटरेस्ट रेट डाउन होता है तो इन फंड्स की मार्केट वैल्यू बढ़ जाती है या इसके विपरीत हो सकता है। गिल्ट फंड स्कीम छोटी लिमिट बहुत लंबी हो सकती है यह लगभग 3 साल से जो करके 20 साल तक चल सकती है।

इसका आईडेंटिफाइंग फीचर क्या है

जीरो रिस्क।

यह किसके लिए उपयुक्त है?

जो इन्वेस्टर सेव और लंबे समय तक इन्वेस्ट करने का ऑप्शन तलाश कर रहे हैं।

7. मंथली इनकम प्लांस (MIPs):

मंथली इनकम प्लान है जो इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट दोनों का मिक्सर मे निवेश करते हैं। यह फोन नॉर्मली इक्विटी फंड में अपने 30% से अधिक इन्वेस्ट नहीं करते हैं किसके नाम से पता चलता है मंथली इनकम प्लान इन्वेस्टर्स के लिए प्रॉफिटेबल और इंटरेस्ट पेआउट के फॉर्म में गारंटीड सोर्स अवेलेबल करते हैं। प्रॉफिट की कोई  गारंटी नहीं होती और उसी का पेमेंट प्रॉफिट की अवेलेबिलिटी के अधीन है।

इसका आईडेंटिफाइंग फीचर क्या है?

इक्विटी और मैक्स इंस्ट्रूमेंट का मिश्रण

यह किसके लिए उपयुक्त है?

जो इन्वेस्टर स्टेडी सोर्स का ऑप्शन तलाश रहे हैं।

8. कैपिटल प्रोटक्शन ओरिएंटेड फंड (CPFs):

यह फंड स्पेशली डेब्ट फंड हैं जिन्हें इन्वेस्टमेंट मनी के इरौसन को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है इन फंडो का मुख्य रूप से गारंटीड रिटर्न या पिटल इंसटिड की बजाए मनी के प्रोटेक्शन की ओर है या अपने फोन का लगभग 80%AAA रेटेड बांड में इन्वेस्ट करते हैं जो हाई रेटेड क्रेडिट बॉन्ड मे से एक है।

इसका आईडेंटिफाइंग फीचर क्या है?

कैपिटल प्रोटेक्शन देता है।

यह किसके लिए उपयुक्त है?

रिस्क से फ्री उन इन्वेस्टर्स के लिए कैपिटल प्रोटेक्शन को प्रायोरिटी देता है।

9. डायनेमिक बॉन्ड फंड:

इस सूची में अन्य डेब्ट फंड्स के अनलाइक, डायनेमिक बॉन्ड फंड मे डब्ट सिक्योरिटी के साथ वाइडली मेच्योरिटी पीरियड के साथ इन्वेस्ट करते हैं। ये फंड्स फंड मैनेजर के द्वारा मैनेज किए जाते हैं जिनके पास उन डेब्ट फंड्स में इन्वेस्ट करने की फ्रीडम और फ्लैक्सिबिलिटी होती है। जो उनके इंटरेस्ट रेट के व्यूज के अकॉर्डिंग है एक ऐसे माहौल में जहां इंटरेस्ट रेट में इंक्रीजमेंट हो रहा है फंड मैनेजर शॉर्ट में छोटी पीरियड एंड vice-versa मैं एक्टिव फॉर्म में इन्वेस्ट करते हैं या उसके अगेंस्ट।

इसका आईडेंटिफाइंग फीचर क्या है?

फ्लैक्सिबल मेच्योरिटी पीरियड

यह किसी के लिए उपयुक्त है?

उन इन्वेस्टर्स के लिए जो इंटरेस्ट रेट में कम रिस्क लेना चाहते हैं।

10. क्रेडिट अपॉर्चुनिटी फंड:

इन फंड्स को डेब्ट फंड में इन्वेस्ट करते हैं  ताकि को हाई रेट इंटरेस्ट के साथ बेहतर रिटर्न्स दे हालांकि या ट्रेड ऑफ पर आता है वे बांड्स जो हाई रिटर्न शो करते हैं वे यूजुअली इन बोंस की कंपैरिजन में कम होते हैं जो लोअर रिटर्ंस देते हैं गौर डिफाल्ट्स का खतरा बढ़ जाता है

हाई रिटर्न्स वाले बांड्स यूजुअली कम क्रेडिट रेटिंग क्यों देते है चलिए हाइपोथेटिकल सिनेरियो करते हैं

इन दो सिक्योरिटी उसको ले:

  1. एक प्रॉफिटेबल स्टैबलिसड 30 इयर्स ओल्ड कंपनी द्वारा जारी किया गया एक ब्रांड जो ईयरली 7% की दर से इंटरेस्ट देता है
  2. एक अनदर 30 ईयर ओल्ड कंपनी द्वारा जारी किया गया एक ब्रांड जो टाइम टू टाइम लॉस करा रहा है जो ईयर ली 7 परसेंट की दर से इंटरेस्ट देता है

यहां आप किस बांड में चूज़ करना पसंद करेंगे ऑप्शन 1 को गैस करते हैं क्योंकि उस कंपनी का किसी दूसरी कंपनी के कंपैरिजन में अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है क्या नहीं है? दूसरे मामले में कंपनी को उसका फंड नहीं मिलता।

नहीं, अभी भी आवश्यक धन प्राप्त कर सकते है यह हाई इन्टरस्‍ट देता इस लिए ऑप्शन नंबर 2 में लेस प्रॉफिटेबल कंपनी को 7.5% या 8 % ब्याज इन्वेस्टर को अट्रैक्ट करने के लिए आवश्यक होता है अदर साइड एक अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली कंपनी के पास पहले से ही एक USP है, इसलिए उसे इन्वेस्टर्स को अट्रैक्ट करने के लिए हाई रिटर्न की ऑफर पर बिलीव करने की नीड नहीं है।

इसका आईडेंटिफाइंग फीचर क्या है ?

यह इन्वेस्टर को हाई इंटरेस्ट रेट देता है

यह किसके लिए उपयुक्त है?

उन इन्वेस्टर्स के लिए जो हाई जोखिम उठा सकते हैं

11. फ्लोटिंग रेट फंड्स:

इस फंड का मेन एम उन सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करना है जो फ्लोटिंग इन्वेस्ट रेट की ऑफरिंग करते हैं। इन्फेंट्स की इंटरेस्ट रेट डायरेक्टली मुंबई इंटर बैंक ऑफर रेट (MIBOR) से लिंक्ड है जिसे वाइडली फॉर्म से डेब्ट सिक्योरिटीज के लिए बेंचमार्क माना जाता है।

इसका आईडेंटिफाइंग फीचर क्या है?

यह फ्लैक्सिबल इंटरेस्ट रेट्स देता है।

यह किसके लिए उपयुक्त है?

स्टेबल रिटर्न की तलाश करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए।

रैपिंग अप

अब हम फाइनली चैप्टर के अंत में पहुंच चुके हैं नेक्स्ट वन में, हम लिस्ट में फर्स्ट टाइप का डेब्ट फंड ले रहे हैं लिक्विड फंड - और हम पता करें यह सब क्या है।

क्वीक रिकैप

  • लिक्विड फंड ऐसे डेट इंस्ट्रूमेंट मैं इन्वेस्ट करते हैं जिसका नेचर बहुत लिक्विड टाइट है। यूजुअली लिक्विड फंड शॉर्ट फंड मेच्योरिटी 91 डेज़ की होती है। 
  • अल्ट्रा शॉर्ट टर्म मैच्योरिटी पीरियड 1 ईयर की होती है और इसके साथ मनी मार्केट और डैड इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट किया जाता है।
  • शॉर्ट टर्म छोटी पीरियड 1 साल से 3 साल तक होती है। 
  • लॉन्ग टर्म फनी यूजुअली मीडियम से लोंग ड्यूरेशन‌ के साथ इन्वेस्ट करते हैं और इस फंड का मेच्योरिटी पीरियड 3 साल से 10 साल तक होती है। 
  • फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लान बेसिकली क्लोज एंडेड म्युचुअल फंड्स होते हैं जिनकी एक फिक्स्ड मेच्योरिटी डेट होती है। 
  • डिफेंस कॉलोनी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करते हैं।
  • मंथली इनकम प्लान इन्वेस्टर को डिवाइड एंड इंटरेस्ट पेआउट के फॉर्म में एक रेगुलर सोर्स देता है। 
  • कैपिटल प्रोटेक्शन ओरिएंटल फंड्स स्पेशल फॉर्म में डिजाइन किया गया है जिसे इन्वेस्टमेंट कैपिटल के इरोशन रोकने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • डायनामिक बॉन्ड डब्ट सिक्योरिटी में वाईडली फॉर्म में मेच्योरिटी टाइम के साथि इनवेस्ट करते है।  
  • क्रेडिट ऑपर्च्युनिटी फंड इनवेस्ट उन डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में इनवेस्ट करते हैं जो बैटर रिटर्न्स और यील्ड्स  के लिए हाई इंट्रेस्ट रेट ऑफर करता है। 
  • फ्लोटिंग रेट फंड का मेन एजेंडा उन सिक्योरिटिज़ में इनवेस्ट करना है जो फ्लोटिंग इन्वेस्ट रेंट का ऑफर करता है।
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