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शॉर्ट स्ट्रैडल क्या है? आप इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं?
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शॉर्ट स्ट्रैडल क्या है?
क्या आप निष्पक्ष बाजार में लाभ कमा सकते हैं? एक शॉर्ट स्ट्रैडल के साथ आप ऐसा कर सकते हैं। शॉर्ट स्ट्रैडल एक निवेश रणनीति है, जहां आप एक कॉल बेचते (शॉर्ट) हैं और समान एक्सपायरी की तारीख और समान स्ट्राइक मूल्य पर भी उसी अंतर्निहित सिक्योरिटी का पुट ऑप्शन खरीदते हैं। अब इस पर नजर डालें तो ये गलत लगता है, है न? कोई निवेशक एक ही स्ट्राइक मूल्य पर कॉल और पुट ऑप्शन, दोनों क्यों बेचेगा?
इसको समझें - जब निवेशक एक शॉर्ट स्ट्रैडल रणनीति में प्रवेश करता है तो वह कीमत कम से कम होने की उम्मीद करता है। लक्ष्य होता है कि दोनों ऑप्शन बेकार ही एक्सपायर हो जाएं। यहां लाभ वह प्रीमियम है जो प्राप्त हो चुका है। निवेशक इसमें नेट क्रेडिट के लिए या उन दो प्रीमियम के लिए प्रवेश करता है जो वह कॉल और पुट दोनों ऑप्शन बेचकर पाने की उम्मीद करता है। अनिवार्य रूप से, एक शॉर्ट स्ट्रैडल ऑप्शन बाजार की एक आम सहमति है कि मूल्य की चाल कितना सीमित होने वाली है।
एक शॉर्ट स्ट्रैडल ऑप्शन क्या है? एक उदाहरण देखते हैं।
उदाहरण: शॉर्ट स्ट्रैडल
शेयर एबीसी ₹600 पर कारोबार कर रहा है। स्ट्राइक मूल्य ₹600 है। यह बाजार में प्रीमियम मूल्य है:
एबीसी 600 CE(कॉल ऑप्शन )₹70 पर कारोबार कर रहा है।
एबीसी 600 PE(पुट ऑप्शन ) ₹80 पर कारोबार कर रहा है।
अधिकतम संभावित लाभ और हानि
शॉर्ट स्ट्रैडल रणनीति के अनुसार आपके द्वारा अर्जित अधिकतम लाभ ₹150 (₹70 + ₹80) का कुल प्रीमियम है, बस इसके लिए अंतर्निहित शेयर नैरो रेंज में कारोबार करे। शॉर्ट स्टैडल के शेयर की कीमत को 2 ब्रेकइवन पॉइंट के बीच कारोबार करना चाहिए। अपसाइड और डाउनसाइड, दोनों पर संभावित नुकसान असीमित होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शेयर की कीमत अनिश्चित काल तक बढ़ सकती है और शून्य तक गिर सकती है।
लाभकारिता की रेंज
पहला ब्रेक ईवन पॉइंट:
₹600 + ₹150 = ₹750 (स्ट्राइक मूल्य + कुल प्रीमियम)
दूसरा ब्रेक-ईवेन पॉइंट:
₹600- ₹150 = ₹450 (स्ट्राइक मूल्य - कुल प्रीमियम)
स्ट्रैडल रणनीति इन दो पॉइंट के बीच लाभदायक होती है।
मान लें कि आपने एबीसी 600 CE (कॉल ऑप्शन) और एबीसी 600 PE (पुट ऑप्शन) पर ₹150 का नेट प्रीमियम भुगतान किया है। आइए अब यहां विभिन्न लाभ और हानि परिदृश्यों पर चर्चा करते हैं।
A. मान लें कि एक्सपायरी की तारीख पर एबीसी का शेयर ₹400 पर बंद हो जाता है।
एबीसी 600 CE कॉल ऑप्शन का उपयोग नहीं होगा। तो आप ₹70 का नेट प्रीमियम रख पाएंगे।
पुट ऑप्शन एबीसी 600PE का आंतरिक मूल्य अब ₹200 होगा (जिसके लिए ऑप्शन का खरीदार पुट ऑप्शन का उपयोग करेगा)। तो यहां आपका नेट नुकसान आपके द्वारा रखे जाने वाले प्रीमियम से आंतरिक मूल्य घटाकर मिलने वाली राशि होगा (-200 + 80): -120।
iii तो आपका कुल नुकसान (-120 + 70): -50 है।
इस स्थिति में पुट ऑप्शन के कारण होने वाला नुकसान, संभावित लाभ से अधिक हैं।
B. एबीसी शेयर ₹450 पर बंद होता है।
यहां आप न तो पैसा कमाएंगे और न ही पैसा खो सकते हैं।
- पूर्व निर्धारित स्ट्राइक मूल्य, वर्तमान मूल्य की तुलना में अधिक होने से कॉल ऑप्शन यहां बेकार हो जाएगा। यहां आप ₹70 का नेट प्रीमियम कमाते हैं।
- पुट ऑप्शन का आंतरिक मूल्य (खरीदार द्वारा प्रयोग किए जाने पर ऑप्शन का मूल्य) ₹150 होता है। आपका नेट नुकसान आपके द्वारा रखे जाने वाले प्रीमियम से आंतरिक मूल्य को हटाकर मिलता है, (-150 + 80): -70।
तो कॉल ऑप्शन से नेट लाभ पुट ऑप्शन से नुकसान के बराबर है।
C. एबीसी शेयर मूल्य ₹600 पर बंद हो जाता है।
यह एक आदर्श परिणाम है क्योंकि यहां व्यापारी ₹150 का अधिकतम लाभ कमा सकता है (एबीसी 600 कॉल और पुट ऑप्शन, दोनों के प्रीमियम का जोड़)। यहां दोनों कॉन्ट्रैक्ट बेकार एक्सपायर हो जाएंगे क्योंकि स्ट्राइक मूल्य समापन बाजार मूल्य के समान है, और पुट और कॉल दोनों को बेचते समय भुगतान किए गए कुल प्रीमियम को कमाया जा सकेगा।
C. एबीसी शेयर मूल्य ₹800 पर बंद हो जाता है।
यहां भी परिणाम ‘A’ परिदृश्य के समान होगा, जहां कॉल ऑप्शन से नुकसान पुट ऑप्शन के लाभ से अधिक होगा या कॉल और पुट बेचने से प्राप्त होने वाले दो प्रीमियम का योग होगा।
एबीसी 600 PE (पुट ऑप्शन) उपयोग नहीं होगा तो आप ₹80 का नेट प्रीमियम रख सकेंगे।
अब कॉल ऑप्शन एबीसी 600 CE का आंतरिक मूल्य ₹200 होगा (जिसके लिए ऑप्शन खरीदार कॉल ऑप्शन का उपयोग करेगा।) इसलिए आपका नेट नुकसान आंतरिक मूल्य से आपको मिलने वाले प्रीमियम को घटाकर मिलता है (-200+70 ): -130
iii तो आपका कुल नुकसान (-130 + 80): -50 है।
इस स्थिति में कॉल ऑप्शन के कारण होने वाले नुकसान दोनों ऑप्शन को बेचने से प्राप्त नेट प्रीमियम से अधिक है।
परिदृश्य A और D हमें जोखिम दिखाते हैं कि यहां दोनों तरफ के नुकसान असीमित हैं।
F. एबीसी शेयर ₹750 पर बंद हो जाता है
यह कोई लाभ नहीं-कोई नुकसान नहीं वाली स्थिति है।
- पुट ऑप्शन बेकार एक्सपायर हो जाएगा क्योंकि स्ट्राइक मूल्य शेयर एबीसी के बाजार मूल्य से कम है। इसलिए यहां मुनाफा एबीसी 600 पुट ऑप्शन बेचने से प्राप्त हुआ ₹80 का प्रीमियम है।
- यहां कॉल ऑप्शन का आंतरिक मूल्य ₹150 है। कॉल का प्रयोग किया जाएगा। इस मामले में आपका नेट नुकसान आंतरिक मूल्य से आपको मिला प्रीमियम घटाकर प्राप्त होगा। नेट नुकसान (-150 + 70): -80 है।
पुट ऑप्शन से नेट लाभ, कॉल ऑप्शन से नेट नुकसान को ऑफसेट करता है।
स्टॉक मूल्य (स्ट्राइक मूल्य ₹600 है) |
एक्सपायरी पर शॉर्ट कॉल का मूल्य |
एक्सपायरी पर शॉर्ट पुट का मूल्य |
एक्सपायरी पर शॉर्ट स्ट्रैडल लाभ/हानि |
₹800 |
-130 (आंतरिक मूल्य में 200 के नुकसान से 70 के प्रीमियम को घटाएं) |
80 (पुट पर प्रीमियम क्योंकि ऑप्शन बेकार ही एक्सपायर हुआ है) |
-50 |
₹750 |
-80(आंतरिक मूल्य में 150 के नुकसान से 70 के प्रीमियम को घटाएं) |
80 (पुट पर प्रीमियम क्योंकि ऑप्शन का उपयोग नहीं हुआ) |
0 |
₹600 |
70 (कॉल पर प्रीमियम) |
80 (पुट पर प्रीमियम) |
150 |
450 |
70 (कॉल पर प्रीमियम, क्योंकि ऑप्शन अनुपयोगी रह जाता है) |
-70 |
0 |
400 |
70 (कॉल पर प्रीमियम, क्योंकि ऑप्शन अनुपयोगी रह जाता है) |
-120 |
-50 |
रणनीति कब काम करती है?
उपरोक्त परिदृश्यों का अध्ययन करने के बाद यह स्पष्ट है कि यह रणनीति शेयर की कीमतों में 'कम अस्थिरता' या न्यूनतम गतिविधि के समय में काम करती है। अस्थिरता सिर्फ इतनी हो कि शेयर कीमतें 2 ब्रेकईवन पॉइंट के बीच कारोबार करें। स्ट्रैडल कीमतें ऑप्शन बाजार की राय का संकेत हैं कि ऑप्शन एक्सपायर होने तक शेयर की कीमत में कितना बड़ा बदलाव आ सकता है। आपको शॉर्ट स्ट्रैडल स्ट्रेटर्जी तब काम करती मिलेंगी जब बााजर में ज्यादा हलचल नहीं हो रही होती, जैसे किसी अहम घोषणा, अर्निंग्स रिलीज से पहला का समय या तब जब बाजार में ज्यादा मार्केटिंग ट्रिगर नहीं होते।
एक और कारक जो इस रणनीति के पक्ष में काम करता है वो है समय क्षय। हर दिन जो स्थिर शेयर कीमतों के साथ गुजरता है, वह स्ट्रैडल के मूल्य निर्धारण में अनुकूल रूप से काम करता है।
निष्कर्ष
संक्षेप में, शॉर्ट स्ट्रैडल की सिफारिश अनुभवी निवेशकों को निम्न निहित अस्थिरता का लाभ उठाने और सीमित मूल्य गतिविधि के समय दो अग्रिम प्रीमियम कमाने के लिए की जाती है। शॉर्ट स्ट्रैडल के मामले में अपसाइड रिस्क असीमित होता है। अगर शेयर की कीमतें तेजी से बढ़ने या गिरने लगती हैं तो बड़ा जोखिम भी होता है, क्योंकि वे शून्य तक गिर सकती हैं। लेकिन जब तक शेयर की कीमतों के दो ब्रेक-ईवन पॉइंट के बीच कारोबार करने की उम्मीद होती है, तब तक प्रीमियम से मुनाफा कमाने की गुंजाइश रहती है।
अब तक आपने पढ़ा
- शॉर्ट स्ट्रैडल में आपको एटीएम कॉल और पुट ऑप्शन को एक साथ बेचने की आवश्यकता होती है। ऑप्शन समान अंतर्निहित, समान स्ट्राइक और समान एक्सपायरी तिथि से संबंधित होने चाहिए।
- कॉल और पुट को बेचकर व्यापारी दांव लगाते हैं कि बाजार आगे नहीं बढ़ेगा और एक रेंज में कारोबार करेगा।
- अधिकतम लाभ नेट प्रीमियम के बराबर होता है और यह उस स्ट्राइक पर होता है जिस पर शॉर्ट स्ट्रैडल की पहल की गई होती है।
- ऊपरी ब्रेकडाउन 'स्ट्राइक + नेट प्रीमियम' होता है। निचला ब्रेकडाउन ‘स्ट्राइक - नेट प्रीमियम’ है।
- शॉर्ट स्ट्रैडल में डेल्टा शून्य हो जाता है।
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