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महिलाएं अपने आयकर की गणना कैसे करें
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अपने करों की गणना में शामिल प्रमुख चरणों को जानें
Transcript
वित्तीय वर्ष 2011-12 तक, भारत में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग आयकर स्लैब थे, जहां महिलाएं कम दरों पर कर का भुगतान करती थीं। हालांकि वित्त वर्ष 2012-13 से, पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए टैक्स स्लैब को समान कर दिया गया था। फिर भी, यदि आप एक महिला हैं, तो यहां बताया गया है कि आप भारतीय कानूनों के अनुसार अपने आयकर की गणना कैसे कर सकती हैं।
सबसे पहले, आय के पांच प्रमुख ज़रियों से अपनी कुल कमाई की गणना करें। इनमें वेतन, गृह संपत्ति से आय, व्यावसायिक आय, पूंजीगत लाभ, और अन्य स्रोतों से आय - जैसे बैंक ब्याज शामिल है।
इसके बाद पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था के बीच चयन करें। पुरानी वाली कर व्यवस्था में दरें अधिक हैं, लेकिन कटौती ज़्यादा है। नई कर व्यवस्था में दरें कम हैं, लेकिन थोड़ी कटौती है।
यदि आपकी कुल आय में से योग्य कटौतियों को घटाया जाए तो आपको आपकी कुल कर आय प्राप्त होगी|
फिर, आयकर स्लैब में दी गई दरों के आधार पर कर की गणना करें। अब स्क्रीन पर दिखाई गई कर की दरों को देखें। इसके बाद, आपको यह जांचना होगा कि क्या आप धारा 87A के तहत कर छूट मिलने के योग्य हैं। यदि आपकी कुल कर आय 5 लाख रुपए से कम है तो आप 12,500 रुपए तक की कर छूट का दावा कर सकते हैं। छूट के बाद बची हुई राशि आपकी कर देनदारी है। यदि आपने पहले ही अपनी कर देयता से अधिक टीडीएस का भुगतान कर दिया है, तो आप धन वापसी के योग्य होंगे।
यदि आपकी कोई धन वापसी की राशि है जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं तो सुनिश्चित करें कि आपने अपना आयकर रिटर्न समय पर दाखिल किया है। अगला अध्याय बेहद दिलचस्प है जिसमें आप जानेंगे कि गृहिणियां कैसे पैसा कमा सकती हैं। आइए एक नज़र डालते हैं|