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कमोडिटी ऑप्शंस का परिचय
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यह वीडियो कमोडिटी विकल्पों का परिचय देता है और उनका व्यापार कैसे करें
Transcript
"भारत में कमोडिटी डेरिवेटिव्स बाज़ार बहुत सक्रीय रहता है|
शुरुआत में व्यापारी सिर्फ कमोडिटी फ्यूचर में ही व्यापार कर सकते थे|
परन्तु 17 अक्टूबर 2017 को पहला कमोडिटी ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट पेश किया गया|
यह गोल्ड ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट था जिसका अंडरलाइंग एसेट एक गोल्ड फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट था| यानी डेरिवेटिव का डेरिवेटिव!
तब से लेकर आज तक, भारतीय कमोडिटी बाज़ार में कई कमोडिटी ऑप्शंस लाये गए जैसे कि तांबा ऑप्शंस, चांदी ऑप्शंस, कच्चा तेल ऑप्शंस और ज़िंक ऑप्शंस|
भारत में कमोडिटी ऑप्शंस के लिए अंडरलाइंग एसेट कोई कमोडिटी या कमोडिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट हो सकता है|
जहां स्टॉक ऑप्शंस में ऑप्शन के ख़त्म होने पर आपको अंडरलाइंग स्टॉक मिलता है,
वहीं कमोडिटी ऑप्शंस में आपको उस कमोडिटी का फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट मिलता है|
इसके अलावा कमोडिटी ऑप्शंस स्टॉक ऑप्शंस की तरह ही काम करता है| कमोडिटी ऑप्शंस सेगमेंट में आपके पास कॉल ऑप्शंस और पुट ऑप्शंस दोनों होते हैं|
कॉल ऑप्शंस आपको अंडरलाइंग खरीदने का अधिकार देता है|
पुट ऑप्शंस आपको अंडरलाइंग बेचने का अधिकार देता है|
इससे पहले कि हम ये अध्याय समाप्त करें, आप सोच रहे होंगे कि कमोडिटी ऑप्शंस में व्यापार कहां पर करें?
इसके लिए तीन एक्सचैंजेस उपलब्ध हैं| ये हैं
दी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज या एम सी एक्स,
दी नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज या एन सी डी ई एक्स और दी इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज या आई सी ई एक्स
तो हमने कमोडिटी ऑप्शंस के बारे में कुछ बेसिक बातों को जाना|
और अब एक छोटी सी सलाह, जब तक आप ऑप्शंस एक्सपायरी और सेटलमेंट प्रोसेस को अच्छे से समझ न लें, तब तक आप शुरुआत में एक छोटे निवेश के साथ व्यापार शुरू करें|"