ग्रीन यानि हरित भविष्य की ओर बढ़ते कदम और इसका बाज़ार पर प्रभाव

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यह वीडियो हरित ऊर्जा विकल्पों और उनके भविष्य के बारे में बात करता है

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ग्रीन यानि हरित भविष्य की ओर बढ़ते कदम और इसका बाज़ार पर प्रभाव क्या कच्चा तेल ही भविष्य है? इस बात का ध्यान रखते हुए कि तेल एक नॉन-रिन्यूएबल रिसोर्स (Non-renewable resource) यानी अनवीकरणीय स्त्रोत है, इसका एक दिन ख़त्म होना निश्चित है| इसलिए हमें अभी से ग्रीन भविष्य की ओर कदम बढ़ाना चाहिए जहां हम पवन, पानी और सोलर एनर्जी जैसे क्लीन सोर्सेज का इस्तेमाल करें| आज न सिर्फ भारत पर दुनिया भर में कई ऐसी कंपनियां हैं जो स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल करती हैं| इनमें टेस्ला का नाम सबसे ऊपर है, जिसने इस क्षेत्र में तेज़ी से अपनी पहचान बनाई है| वर्तमान समय में यह न केवल विश्व की सबसे मूल्यवान ऑटोमोटिव कंपनी है, बल्कि सबसे स्वच्छ ऊर्जा कंपनी भी है| 1 अप्रैल, 2021 को टेस्ला का मार्किट कैप यानी बाज़ार पूंजीकरण 638 बिलियन डॉलर था| इसके विपरीत जनरल मोटर्स का मार्केट कैप लगभग 80 बिलियन डॉलर है और फोर्ड मोटर्स का लगभग 50 बिलियन डॉलर है| भारत में भी हरित ऊर्जा क्षेत्र में तेज़ी से विकास हो रहा है| टाटा पावर और सुज़लॉन एनर्जी (Suzlon energy) जैसी कंपनियां हवा, पानी और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं| देश में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र के विकास के लिए विदेशी निवेशक भी आगे आ रहे है| CRISIL के मुताबिक, वैश्विक निवेश से भारत की रिन्यूएबल ऊर्जा क्षमता 2023 में लगभग 35 GW तक पहुँच सकती है| ESG निवेश में लगातार बढ़ोतरी के कारण स्टॉक मार्केट में भी हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ने की सम्भावना है| आने वाले समय में यह निश्चित रूप से निवेशकों और ग्राहकों के लिए अत्यंत रुचि का क्षेत्र साबित होगा|

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