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INR- USD एक्सचेंज रेट किससे प्रभावित होता है?
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INR-USD दर निश्चित नहीं है। बल्कि, यह कई प्रभावितों द्वारा निर्धारित की जाती है। ये कारक क्या हैं? इस वीडियो में पता लगाएँ।
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INR-USD एक्सचेंज रेट कैसे प्रभावित होता है? आपने कई बार भारतीय रुपए को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अलग-अलग रेट पर कारोबार करते हुए देखा होगा। पिछले कई वर्षों में, इस एक्सचेंज रेट को कई कारकों ने प्रभावित किया है। यहाँ ऐसे 5 कारक हैं सबसे पहला, भारत और अमेरिका दोनो की महंगाई दर, INR-USD के एक्सचेंज रेट पर असर डालती है। दूसरा, ब्याज दर भी INR-USD एक्सचेंज रेट को प्रभावित करती है। सरकारी ऋण भी INR-USD रेट को प्रभावित करने वाला एक कारक है। अगला फैक्टर जिस पर हम नज़र डालेंगे वो है व्यापार की शर्तें यानी टर्म्स ऑफ ट्रेड यह सीधे तौर पर, एक देश की निर्यात कीमतों की इंडेक्स और उसके आयात की कीमतों की इंडेक्स का रेशियो है। तो, मानिए कि भारत के निर्यात उसके आयात से ज़्यादा हैं, तो भारत के टर्म्स ऑफ ट्रेड में सुधार होगा। यानी भारतीय रुपया मज़बूत होगा। आखिर में, भारत और अमेरिका, दोनों ही देशों की राजनीतिक स्थिरता भी INR-USD रेट पर प्रभाव डालेगी। अब आपको INR-USD रेट को प्रभावित करने वाले कारकों का पता चल गया है। लेकिन इससे पहले आप अमेरिकी डॉलर में निवेश करें, आपको कई और बातें भी पता होनी चाहिए। इसके बारे में और जानकारी के लिए स्मार्ट मनी के अगले अध्याय पर जाएं